MP के जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए सरकार चलाएगी विशेष अभियान, CM यादव ने दी जानकारी

MP News: मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश के जल स्त्रोतों की साफ-सफाई और संरक्षण का विशेष अभियान चलाने जा रही है. इस अभियान के तहर प्रदेश के जल स्त्रोतों की साफ-सफाई और पुनर्जीवन का कार्य किया जाएगा.

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फाइल फोटो

Special Campaign for Water Resources: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन (Conservation and Revitalization of Water Resources) के लिए सरकार विशेष अभियान (Special Campaign) चलाने जा रही है. इस अभियान की शुरुआत पर्यावरण दिवस (Environment Day) पर 5 जून से होगी. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि 5 जून पर्यावरण दिवस से गंगा दशमी पर्व (Ganga Dashmi festival) तक जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए संपूर्ण प्रदेश में अभियान चलाया जाएगा. दस दिन की अवधि में हर जिले में जल के स्रोतों, जैसे नदी, कुआं, तालाब, बावड़ी आदि को साफ स्वच्छ रखने और आवश्यकता होने पर उनके गहरीकरण के लिए कार्य किए जाएंगे. 

उन्होंने कहा कि यह कार्य समाज की भागीदारी से होगा, इससे जल स्रोतों के प्रति समाज की चेतना जागृत करने और जनसामान्य का जल स्रोतों से जीवंत संबंध विकसित करने में मदद मिलेगी. गंगा दशमी पर्व मां गंगा का अवतरण दिवस है. मां गंगा से ही भारतीय संस्कृति विश्व में जानी जाती है. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में इस अभियान का नेतृत्व जनप्रतिनिधि करेंगे और जिला कलेक्टर गतिविधियों का समन्वय करेंगे.

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CM ने अभियान से जुड़ने की अपील की

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संदेश में सभी सामाजिक, शासकीय, अशासकीय संस्थाओं, जन अभियान परिषद से जुड़े संगठनों से अभियान में शामिल होने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि जनसहभागिता से जल संरचनाओं का चयन किया जाए और जल स्रोतों के संरक्षण के लिए सघन जनजागृति के कार्यक्रम चलाए जाएं. इससे भविष्य के लिए जल संरक्षण के संबंध में कार्य योजना बनाने में मदद मिलेगी. इस अवधि में होने वाले धार्मिक मान्यताओं के कार्यक्रम जैसे उज्जैन की क्षिप्रा परिक्रमा, चुनरी उत्सव, नर्मदा जी के किनारे होने वाले धार्मिक कार्यक्रम भी पूरी श्रद्धा के साथ आयोजित किए जाएंगे. प्रदेश में 212 से अधिक नदियां हैं, हमारी पेयजल की आपूर्ति करने में नदियां, बावड़ियां, कुएं और तालाब महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जल ही जीवन है, केवल घोषवाक्य नहीं है, यह जल स्रोतों की हमारे जीवन में भूमिका से स्पष्ट होता है.

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नदी-तालाब की मिट्टी किसानों को खाद रूप में मिलेगी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अभियान के दौरान नदियों और तालाबों से गाद या खाद के रूप में निकलने वाली मिट्टी, किसानों को खेतों में उपयोग के लिए उपलब्ध कराई जाएगी. जल संरचनाओं के अतिक्रमणों को जिला प्रशासन के माध्यम से मुक्त कराया जाएगा. ऐसे स्थानों को समाज के लिए संरक्षित किया जाएगा. अभियान के संबंध में अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं. प्रारंभिक रूप से यह अभियान 5 से 15 जून तक चलाया जाएगा. इसके बाद अभियान की अवधि बढ़ाई जा सकती है.

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जल स्त्रोतों के पास पास लगाए जाएंगे पेड़-पौधे

बताया गया है कि नमामि गंगे परियोजना के नाम से आरंभ हो रहे जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के विशेष अभियान के लिए ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा नगरीय क्षेत्र में नगरीय विकास एवं आवास, नोडल विभाग होंगे. जल संरचनाओं के चयन और उन्नयन कार्य में जीआईएस तकनीक का उपयोग किया जाएगा. इन स्थलों की मोबाइल एप के माध्यम से जी-टैगिंग की जाएगी. सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से जल संरचनाओं के आसपास स्वच्छता बनाए रखने, जल संरचनाओं के किनारों पर अतिक्रमण रोकने के लिए फेंसिंग के रूप में वृक्षारोपण करने जैसी गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाएगा और जल संरचनाओं के किनारों पर बफर जोन तैयार कर उन्हें हरित क्षेत्र या पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा.

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