CG News: हवाई जहाज में बम की खबर देने वाले IB अफसर को पुलिस ने कर लिया गिरफ्तार, पर सुनवाई के लिए राज्य में नहीं है अदालत

Chhattisgarh Latest News: 14 नवंबर को नागपुर-कोलकाता फ्लाइट में बम की अफवाह के चलते रायपुर में इमरजेंसी लैंडिंग हुई. लेकिन, सूचना झूठ साबित हुई. इसके बाद आरोपी अनिमेष मंडल को गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी ने दावा किया कि वह इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के अधिकारी हैं और सूचना देना उनका कर्तव्य था. हालांकि, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, लेकिन मामला अटका है, क्योंकि स्पेशल कोर्ट की गैरमौजूदगी के चलते ट्रायल शुरू नहीं हो पा रहा है.

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Chhattisgarh News: अमूमन आम इंसान पुलिस से बचता है. वह पुलिस को सूचना देने से डरता है. दरअसल, उसे ऐसा लगता है जानकारी देकर वो फंस जाएगा, लेकिन ये डर क्या खुफिया एजेंसी को भी लगता है? रायपुर पुलिस की कार्रवाई देखकर तो ऐसा लग सकता है. दरअसल, रायपुर पुलिस ने 14 नवंबर को नागपुर कोलकाता फ्लाइट में बम की सूचना देने वाले एक शख्स को गिरफ्तार किया. उसके वकील का कहना है कि गिरफ्तार शख्स IB अधिकारी है. वहीं, पुलिस को लगता है उसके केस में कुछ भी गलत नहीं है.

हाथों में हथकड़ी पहने इस शख्स पर आरोप है फ्लाइट में बम की अफवाह फैलाने की. दरअसल, पुलिस का मानना है कि 14 नवंबर को इस अफवाह की वजह से नागपुर-कोलकाता फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग रायपुर में हुई. हालांकि, तलाशी में कोई बम नहीं मिला. लिहाजा, इस शख्स को गलत सूचना देकर यात्रियों की जान जोखिम में डालने के आरोप में The suppression of unlawful acts against safety of civil aviation act 1982 के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

आईबी के अधिकारी है महीने भर से हैं जेल में कैद

कहानी में ट्विस्ट ये है कि अनिमेष मंडल का दावा है कि वो आईबी का अधिकारी है, उसे जो सूचना मिली, वह देना उसका फर्ज था. उसके वकील फैसल रिज़वीका कहना है कि 14 नवंबर को अनिमेष मंडल को एक मैसेज आया था कि फ्लाइट में बम हो सकता है, जिसकी सूचना उन्होंने क्रू मेंबर को दी. क्रू मेंबर ने कप्तान को यह जानकारी दी. उस वक्त फ्लाइट हवा में थी और रायपुर नजदीक था, तो यहीं पर लैंडिंग की गई, लेकिन जब जांच की गई तो उनकी इंफॉर्मेशन गलत निकली. इसके बाद माना थाने की पुलिस ने अनिमेष मंडल को गिरफ्तार कर लिया. अनिमेष मंडल को जब कोर्ट में पेश किया गया, तो उसने कोर्ट में बताया  वह IB का अधिकारी है. मई 2024 में उसका ट्रांसफर मुंबई से नागपुर हुआ और नागपुर से वह कोलकाता जा रहा था. उसके पास जो इनपुट आया, उसने उसको शेयर किया था. अब झूठी सूचना के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है. उसने कहा कि उसका तो यह कर्तव्य है कि जो इनफार्मेशन मिले, उसे बताएं.

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सुनवाई के लिए अदालत ही नहीं है

कहानी में एक और ट्विस्ट ये है कि महीना भर होने वाला है, लेकिन अनिमेष जेल में ही है,  क्योंकि The suppression of unlawful acts against safety of civil aviation act 1982 के मामलों की स्पेशल कोर्ट में सुनवाई होगी, जो छत्तीसगढ़ में है ही नहीं. इस पर उसके वकील फैसल रिज़वी कहते हैं कि The suppression of unlawful acts against safety of civil aviation act 1982 की धारा 3(1)(d) के तहत आजीवन कारावास का प्रावधान है.  इस धारा का ट्रायल सेशन के समक्ष स्पेशल कोर्ट में होगा. स्टेट की सलाह पर हाईकोर्ट एक स्पेशल कोर्ट अप्वॉइंट करता है, जो कि रायपुर में नहीं है. इस वजह से मामला पेंडिंग है और उसके मां-बाप भी बड़े सीरियस बीमार हैं.

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अनिमेष का दावा है कि उसने अपना पहचान पत्र और कई दस्तावेज दिखाए हैं, लेकिन उसकी बात नहीं सुनी गई. इस मामले में पुलिस चुप है और सरकार बस इतना कह रही है मामले को देखना पड़ेगा. गृहमंत्री विजय शर्मा से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने बस इतना ही कहा कि मामले को देखना पड़ेगा.

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