BJP की महिला नेता को हूटर लगाना पड़ा महंगा, मजिस्ट्रेट चेकिंग में कटा इतने हजार रुपये का चालान

Chhatarpur Municipality: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर (Chhatarpur) में बीजेपी (BJP) की महिला नेता को अपनी गाड़ी पर बुधवार को हूटर लगाना महंगा पड़ गया. दरअसल, शाम को शहर में मजिस्ट्रेट चेकिंग चल रही थी, उसी दौरान नगर पालिका की अध्यक्ष ज्योति चौरसिया अपनी सरकारी गाड़ी में हूटर लगाकर आ रहीं थी तभी..

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BJP की महिला नेता को हूटर लगाना पड़ा महंगा, मजिस्ट्रेट चेकिंग में कटा इतने हजार रुपये का चालान

MP Today News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर (Chhatarpur) में बुधवार को शाम 5 बजे मजिस्ट्रेट चेकिंग (Magistrate Checking) शुरू की गई. ये चेकिंग मजिस्ट्रेट अरविंद सिंह के द्वारा लगाई गई थी. जिसमें बिना परमिशन के हूटर लगाए हुए घूम रहे जनप्रतिनिधियों पर विशेष नजर रखी जा गई. इसीक्रम में छतरपुर के कलेक्टर कार्यालय के सामने चेकिंग के दौरान छतरपुर नगर पालिका की अध्यक्ष ज्योति चौरसिया की गाड़ी पर लगे अवैध हूटर का चालान काटा गया. 

'गाड़ी का 5000 रुपये का चालान काटा जाए'

खास बात ये है कि चेकिंग के बीच छतरपुर नगर पालिका की अध्यक्ष ज्योति चौरसिया अपनी सरकारी गाड़ी में हूटर लगाए हुए वहां से गुर रहीं थी. तभी मजिस्ट्रेट ने निर्देश दिए कि उनकी गाड़ी का 5000 रुपये का चालान काटा जाए. जैसे बीजेपी की नगर पालिका अध्यक्ष सुरेंद्र ज्योति चौरसिया का चालान काटा गया, तो ये खबर पूरे शहर में फैल गई. इससे न्यायालय के प्रति लोगों का भरोसा और भी बढ़ा.

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नियमों में कहीं हूटर का उल्लेख नहीं

तमाम सख्तियों के बावजूद आज भी नेताओं की गाड़ियां में लगे हूटर शहर में शोर मचा रहे हैं. नियम-कायदों के खिलाफ गाड़ियों पर टंगे इन हूटर पर न तो पुलिस कार्रवाई कर पा रही है और न ही आरटीओ इन पर ध्यान दे रहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रसूख की बत्ती तो कुछ समय पूर्व उतर गई, लेकिन आज भी हूटर का रसूख नेताओं की गाड़ियों की शान बढ़ा रहा है. मोटरयान अधिनियम 1988  और इसके अंतर्गत बनाए गए तमाम नियमों में कहीं हूटर का उल्लेख नहीं है. हूटर लगाने की छूट केवल तीन वाहनों को है, जिसमें पायलट की गाड़ी, एंबुलेंस व दमकल शामिल हैं. इसके अलावा न तो पुलिस, न ही प्रशासनिक और न ही किसी नेता या मंत्री की गाड़ी को इसकी पात्रता है, जबकि कई रसूखदार लोगों की गाड़ियों पर हूटर देखे जा सकते हैं.

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इतनी आवाज वाले हॉर्न लगाना प्रतिबंधित

ध्वनि प्रदूषण कानून के तहत 70 डेसीबल से अधिक आवाज वाले हॉर्न लगाना प्रतिबंधित हैं, जबकि बसों व ट्रकों पर 100 डेसीबल तक के प्रेशर हॉर्न लगे हैं. कई दो पहिया वाहन चालक भी अमानक प्रेशर हॉर्न का उपयोग कर रहे हैं. जिम्मेदार हूटर को इसलिए नजरअंदाज कर रहे हैं, क्योंकि ये केवल रसूखदारों की गाड़ियों पर ही लगे रहते हैं.

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