Chhatarpur News: कई तरह के अफवाहों के बीच छतरपुर कोतवाली थाने में पथराव का मास्टर मांइंड और मुख्य आरोपी हाजी शहजाद अली (Haji Shahzad Ali) मंगलवार को फिल्मी स्टाइल में पकड़ा गया. हुआ यूं कि शहजाद अली पांच दिनों से पुलिस को चकमा दे रहा और मंगलवार को उसने कोर्ट में सरेंडर करने का प्लान बनाया था. लेकिन पुलिस को इसकी भनक लग गई. जिसके बाद पुलिस ने जाल बिछाया और उसे धर दबोचा. वैसे पहले चर्चा ये थी कि शहजाद विदेश भाग सकता है इसी के मद्देनजर पुलिस (Chhatarpur police) ने लुकआउट नोटस भी जारी कर रखा था. फिलहाल पुलिस के आग्रह पर विशेष न्यायाधीश उपेंद्र प्रताप सिंह की अदालत ने उसे तीन की रिमांड पर भेज दिया है.
दरअसल शहजाद जो 10 करोड़ की हवेली और कई मंहगी कारों का मालिक है वो कोर्ट में सरेंडर के लिए ई-रिक्शा (e-rickshaw) पर सवार होकर जा रहा था. उसकी कोशिश थी कि वो एक आम आदमी की तरह कोर्ट पहुंच जाए. लेकिन पुलिस को पहले से इसकी सूचना मिल गई थी लिहाजा अदालत की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर पुलिस ने वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी. इसी दौरान ट्रैफिक पुलिस थाने के पास शहजाद ई-रिक्शा में मुंह छुपाए बैठा मिला. पुलिस ने जैसे ही उसे मुंह पर से कपड़ा हटाने को कहा वैसे ही सारा भेद खुल गया. पुलिस ने उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया. पुलिस उसे गिरफ्तार करके कोतवाली ले आई और सख्ती से पूछताछ कर रही है. खुद SP अगम जैन ने शहजाद की गिरफ्तारी की पुष्टि की है. एसपी के मुताबिक उसकी गिरफ्तारी के लिए जिला पुलिस ने चार टीमें बनाई थीं. हमें ये पता चल गया था कि शहजाद लगातार ठिकाने बदल रहा है. पुलिस ने उसके सिर पर 10 हजार का इनाम भी घोषित कर रखा था. पुलिस के मुताबिक शहजाद अली पर पहले से छह मुकदमे दर्ज हैं. अब उन केसों की जांच में भी तेजी लाई जाएगी.
अब तक गिरफ्तार हो चुके हैं 37 आरोपी, 27 जेल में
बता दें कि छतरपुर कोतवाली थाने में पत्थरबाजी मामले में पुलिस अब 37 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी हैं, जबकि 27 लोगों को जेल भेज चुकी है. वहीं, मामले में आरोपियों में से 6 पर जिला बदर की कार्रवाई की गई है. वारदात के बाद फरार चल रहा मुख्य आरोपी और जिला कांग्रेस कमेटी का पूर्व उपाध्यक्ष हाजी शहजाद अली को पुलिस आज दबोचने में कामयाब हुई.
क्या है पूरा मामला?
महाराष्ट्र के महंत रामगिरी महाराज ने धर्म विशेष पर कथित रूप से विवादित टिप्पणी की थी. जिसके बाद समुदाय के लोग कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराना चाहते थे, लेकिन सैंकड़ों की संख्या में जमा भीड़ थाने के बाहर नारेबाजी करने लगी. मामले को बिगड़ता देख पुलिस ने बीच-बचाव किया, लेकिन भीड़ ने पथराव कर दिया.
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