Chhatarpur Medical Store Inspection: छतरपुर कलेक्टर पार्थ जैसवाल के निर्देश पर औषधि निरीक्षक ने विभिन्न मेडिकल स्टोर्स की जांच की. यह कार्रवाई छिंदवाड़ा जिले में हाल ही में नौ बच्चों की मौत के मामले के बाद दवाओं की बिक्री में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और नशीली दवाओं की अवैध बिक्री रोकने के लिए की गई. इस दौरान कई मेडिकल स्टोर्स के खिलाफ कार्रवाई भी की गई.
छतरपुर में मेडिकल स्टोर्स का किया गया निरीक्षण
छिंदवाड़ा में हुई मौतों की जांच में पाया गया कि कफ सिरप में जहरीले रासायनिक पदार्थ डायएथिलीन ग्लाइकॉल की मिलावट थी. श्रीसन कंपनी की कांचीपुरम यूनिट में बने कोल्ड्रिंफ कफ सिरप में 48.6% डायएथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया. इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने इस सिरप के उत्पादन और बिक्री पर रोक लगा दी. इस घटना ने पूरे प्रदेश में दवाओं की बिक्री और सुरक्षा पर चिंता बढ़ा दी.
कई मेडिकल स्टोर्स पर हुई कार्रवाई
निरीक्षण के दौरान कई मेडिकल स्टोर्स को औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 और नियमावली 1945 के अनुसार संचालन नहीं करते पाया गया. इस पर औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी ने मेसर्स अरबिंदो मेडिकोज, एस.बी. फार्मा, शिवम मेडिकल स्टोर और नटराज फार्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किया. इसके अलावा, मानस मेडिकल स्टोर का ड्रग लाइसेंस दो दिनों के लिए निलंबित और गुड हेल्थ ड्रग हाउस का ड्रग लाइसेंस पूरी तरह निरस्त कर दिया गया.
स्टोर संचालकों को चेतावनी
औषधि निरीक्षक ने सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को चेतावनी दी है कि वो अपने स्टोर संबंधित कानून और नियमों के अनुसार ही संचालित करें. उन्होंने कहा कि आगामी जांच में नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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