Madhya Pradesh: छतरपुर (Chhatarpur) के नौगांव थाना पुलिस ने तीन साल पहले एचडीएफसी बैंक में 1 करोड़ से भी ज्यादा के गबन के मामले में बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने तत्कालीन ब्रांच मैनेजर गिरीश तिवारी को जबलपुर (Jabalpur) से गिरफ्तार करने के बाद न्यायालय में पेश किया. जहां से उन्हें जेल भेज दिया है. इससे पहले पुलिस ने बैंक पहुंचकर गबन से जुड़े हुए दस्तावेज खंगाले और बैंक कर्मियों से भी जानकारी जुटाई. इस मामले में अन्य दो आरोपी संजीव शर्मा और मेघा सिंह चौहान की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
तत्कालीन ब्रांच मैनेजर को किया गिरफ्तार
एचडीएफसी बैंक में तीन साल पहले हुए 1 करोड़ 11 लाख 50 हजार 9 सौ रुपए के गबन के मामले में तत्कालीन ब्रांच मैनेजर गिरीश तिवारी को जबलपुर से गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने पूरी रात पूछताछ की. इसके बाद बुधवार की दोपहर थाना पुलिस ने एचडीएफसी बैंक पहुंचकर जरूरी दस्तावेज खंगाले तो वहीं बैंक कर्मियों से भी इस संबंध में बात करते हुए जानकारी जुटाई. पुलिस ने तत्कालीन ब्रांच मैनेजर गिरीश तिवारी से पूछताछ के बाद न्यायालय में पेश किया. जहां से न्यायाधीश ने गबन के आरोपी तिवारी को जेल भेजने का आदेश दिया.
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पुलिस की जांच में हुआ पूरा खुलासा
थाना प्रभारी सतीश सिंह ने बताया कि एचडीएफसी बैंक में तीन साल पहले हुए 1 करोड़ 11 लाख 50 हजार 9 सौ रुपए के गबन के मामले की जांच चल रही थी. पुलिस ने जांच के दौरान पता चला तत्कालीन ब्रांच मैनेजर गिरीश तिवारी, संजीव शर्मा और मेघा सिंह चौहान ने ही धोखाधड़ी करते हुए इन पैसों का गबन किया था.
पहले पुलिस ने गिरीश तिवारी के बाद आए ब्रांच मैनेजर सौरभ खरे की शिकायत पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धारा 420 सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया था. इसके बाद अब पुलिस ने मामले में तत्कालीन ब्रांच मैनेजर गिरीश तिवारी, संजीव शर्मा और मेघा सिंह चौहान को आरोपी बनाया है. इसके बाद पुलिस ने तत्कालीन ब्रांच मैनेजर गिरीश तिवारी को जबलपुर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि अन्य दो आरोपी संजीव शर्मा और मेघा सिंह चौहान अभी पुलिस गिरफ्त से दूर है.
जानिए क्या था पूरा मामला
नगर में स्थित एचडीएफसी की शाखा में करोड़ों रुपए के घोटाले का मामला सामने आया था. यह मामला तब सामने आया जब तत्कालीन ब्रांच मैनेजर के तबादले के बाद 31 मार्च 2021 को नए ब्रांच मैनेजर ने अपना चार्ज संभाला. तब उनको बैंक से 1 करोड़ 11 लाख 50 हजार 900 रुपये गायब मिले थे. तब ब्रांच मैनेजर सौरभ खरे द्वारा पुलिस को 1 करोड़ 11 लाख 50 हजार 900 रुपये के गबन की लिखित में सूचना मिलते ही पुलिस एक्शन में आई और तत्काल दल बल के साथ बैंक पहुंची. जहां जरूरी दस्तावेजों के बाद अज्ञात व्यक्ति पर धारा 420, 406 एवं 409 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी थी. पहले अज्ञात पर मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने तत्कालीन ब्रांच मैनेजर गिरीश तिवारी, कैशियर मेघा सिंह चौहान और सहायक मैनेजर संजीव तिवारी से पूछताछ कर छोड़ दिया था. बाद में जांच में सब साफ हुआ तो ये कार्रवाई हुई है.
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