मध्य प्रदेश में जल्द ही विधानसभा के चुनाव होने वाले है. इसको लेकर राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर हमलावार हो चुकी हैं, लेकिन ऐसा लग रहा है कि पार्टियों को विरोधी पार्टियों के नेताओं से ज्यादा खतरा तो अपनी पार्टी के लोगों से नजर आ रहा है. छतरपुर बीजेपी में गुटबाजी चरम पर नजर आ रही है, जिससे बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती हुई दिख रही हैं.
बढ़ रही है आपस में गुटबाजी
जहां अभी टिकट घोषित नहीं हुए हैं..वहां, टिकट पाने के लिए आपस में गुटबाजी हो रही है. जहां टिकट घोषित हो चुके हैं वहां पर टिकट पाने वाले का विरोध शुरू हो गया है. छतरपुर से भाजपा के जिला अध्यक्ष मलखान सिंह ने इसकी शुरूआत कर दी है. उन्होंने राजनगर विधानसभा को लेकर कहा है कि अगर बीजेपी से घासीराम पटेल को टिकट मिलता है तो 2018 में पार्टी के प्रत्याशी रहे अरविंद पटौरिया इनका विरोध करेंगे.
वहीं, अगर अरविंद पटौरिया को टिकट मिलता है तो घासीराम पटेल इसका विरोध करेंगे. दोनों ही तरह से भाजपा को नुकसान होगा. इससे अच्छा है कि उन्हें या उनकी पत्नी को टिकट दे दिया जाए. अगर ऐसा होता है तो पार्टी के कार्यकर्ता उन्हें एकजुट होकर लड़ाने का काम करेंगे.
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छतरपुर विधानसभा में शुरू हुआ विरोध
छतरपुर विधानसभा में ललिता यादव को पार्टी ने टिकट दे दिया है, लेकिन उनका विरोध अर्चना गुड्डू सिंह ने शुरू कर दिया है. अर्चना गुड्डू सिंह ने रक्षाबंधन पर घर-घर जाकर राखी देकर ये साफ कर दिया है कि वो इस बार चुनाव लड़ने जा रही हैं.. चाहे उन्हें बीजेपी से टिकट मिले या नहीं. इससे छतरपुर विधानसभा में बीजेपी की राह आसान नहीं होने वाली है.
बीजेपी जारी कर सकती है लिस्ट
मिली जानकारी के मुताबिक बीजेपी अगले दो-चार दिनों में अपने 60 प्रत्याशियों की सूची जारी करने वाली है. इससे संभावित प्रत्याशी अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं और गुटबाजी चरम पर हो रही है.