बागेश्वर धाम में VIP और VVIP से मुलाकात बंद, गुरु सन्यासी बाबा की आज्ञा का पालन करेंगे महाराज

MP News:बागेश्वर धाम में VIP और VVIP से मुलाकात बंद कर दिया गया है. आइए जानते हैं इस बारे में बागेश्वर महाराज ने क्या कहा? 

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Bageshwar Dham: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम गढ़ा में नवरात्रि साधना के समापन पर बड़ा निर्णय लिया गया है. बागेश्वर महाराज के गुरु सन्यासी बाबा ने साधना के दौरान आदेश दिया कि अब बागेश्वर धाम पर आने वाले VIP और VVIP सिफारिशकर्ताओं से मुलाकात नहीं की जाएगी. महाराज केवल उन श्रद्धालुओं से मिलेंगे जो सच्चे भक्त बनकर बिना किसी सिफारिश के धाम पर दर्शन और आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं.

यहां पहुंचकर किया व्रत का समापन 

नवरात्रि की नौ दिवसीय साधना पूर्ण होने के बाद दशमी के दिन बागेश्वर महाराज ने बुंदेलखंड की गंगा कही जाने वाली केन नदी में पहुंचकर व्रत का समापन किया. इस अवसर पर बनारस से आए आचार्यों द्वारा वेद मंत्रों के साथ व्रत पूर्ण कराया गया. इसके बाद धाम पर आयोजित दिव्य दरबार में महाराज श्री ने भक्तों को साधना का अनुभव साझा किया.

उन्होंने बताया कि साधना के दौरान 11 लाख बार पंचमुखी हनुमान नाम का जप और माता रानी की आराधना कर उसे अपने आराध्य बागेश्वर बालाजी के चरणों में समर्पित किया. 

इसलिए लिया निर्णय 

महाराज ने भक्तों को बताया कि साधना के दौरान उनके गुरु सन्यासी बाबा ने डांटते हुए कहा कि VIP और VVIP मुलाकातों के कारण गरीब, असहाय और दूर-दराज से किराया उठाकर धाम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की पीड़ा अनसुनी रह जाती है. यही भक्त निराश होकर लौटते हैं. गुरु ने आदेश दिया कि अब से बागेश्वर धाम पर प्रोटोकॉल और सिफारिश वाले VIP और VVIP को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी. यदि वे आते हैं तो उन्हें अलग से समय दिया जाएगा, लेकिन पहले अवसर गरीब, असहाय, मरीज और सच्चे श्रद्धालुओं को ही मिलेगा. महाराज जी ने कहा कि कुटिया में साधना के दौरान हमने प्रण लिया कि गुरु जी की आज्ञा अब कभी नहीं टाली जाएगी.

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पहले की तरह सुनी जाएंगी अर्जियां

बागेश्वर महाराज ने कहा कि अब पहले की भांति दिव्य दरबार में बागेश्वर बालाजी की आज्ञा से भक्तों की अर्जियां सुनी जाएंगी और पर्चे बनाए जाएंगे.साथ पूर्व की ही भांति शाम को मरीजों के दर्शन के समय श्रद्धालुओं को सिद्ध अभिमंत्रित भभूति भी प्रदान की जाएगी.महाराज ने कहा कि यह क्रम आगे भी जारी रहेगा और प्रत्येक गुरुवार को नई नियमावली के तहत भक्तों से मुलाकात कर मंदिर प्रांगण से ही सिद्ध भभूति का वितरण किया जाएगा. 

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