MP News: सेल्फी ने चक्कर में युवक ने गंवाई अपनी जान, 50 फीट ऊंचे झरने से खाई में गिरा.........

Chhatarpur News: जानकारी अनुसार टीकमगढ़ जिले के बल्देवगढ़ अंतर्गत ग्राम खेरा से चार दोस्त झरने का आनंद लेने बकस्वाहा(छतरपुर) से 25 किलोमीटर दूर बाजना और रजपुरा के बीच सिलापरी झरने की तरफ आए थे. जहां गिरता हुआ पानी देखने दूर- दूर से सैलानी आते हैं.

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Chhatarpur News: झरने में गिरने से एक युवक की मौत

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर जिले (Chhatarpur) के जटाशंकर धाम में जलप्रताप में एक युवा की फिसलने से मौत हो गई. वह दोस्तों के साथ जटाशंकर क्षेत्र घूमने गया था. बताया जा रहा है कि ये युवक सेल्फी लेने की कोशिश कर रहा था तभी ये हादसे का शिकार हो गया और अपनी जान गंवा बैठा. यहां के सभी जलप्रपात जंगल में हैं जिन पर वन विभाग का अधिकार है. इन सबके बावजूद यहां पर किसी भी प्रकार की कोई सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं जिससे लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है.

टीकमगढ़ का रहने वाला था युवक

छत्तरपुर जिले के सिलापरी झरने में डूबने वाला युवक टीकमगढ़ का रहने वाला था. मृतक अपने चार दोस्तों के साथ झरने का आनंद लेते हुए नहा रहा था, तभी वह सेल्फी लेने की कोशिश में 50 फीट ऊंचे झरने से खाई में गिर गया और गहरे पानी में डूब गया. सूचना के बाद गोताखोरों की मदद से गंभीर हालात में बाहर निकाला गया. अस्पताल में जांच के बाद डॉक्टर ने युवक को मृत घोषित कर दिया. मृतक के शव को पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया है.

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50 फीट की ऊंचाई से गिरा युवक

जानकारी अनुसार टीकमगढ़ जिले के बल्देवगढ़ अंतर्गत ग्राम खेरा से चार दोस्त झरने का आनंद लेने बकस्वाहा(छतरपुर) से 25 किलोमीटर दूर बाजना और रजपुरा के बीच सिलापरी झरने की तरफ आए थे. जहां गिरता हुआ पानी देखने दूर- दूर से सैलानी आते हैं. यह झरना पत्थरों के बीच कई स्थानों से तेजी से गिरता है और एक जगह 50 फीट ऊंचाई से खाई में गिरता है. ऊपर चट्टान पर नहाने के दौरान सेल्फी लेते हुए सूरज का पैर फिसल गया और वह नीचे गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया. दोस्तों ने घटना की सूचना रजपुरा थाना पुलिस को दी. पुलिस मौके पर पहुंची और सूरज को गोताखोरों की मदद से खाई से बाहर निकालकर देर रात सिविल अस्पताल ले जाया गया, वहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया.

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पहले भी होते रहे हैं हादसे

गौरतलब है कि जिस स्थान पर यह झरना बहता है, वहां चारों ओर पत्थर हैं. जिनमें काई लगी होने के कारण काफी फिसलन होती है. इससे पहले भी लोग कई बार फिसलकर गिर चुके हैं, पूर्व में हुए हादसे के बाद भी यहां से लोग सीख नहीं ले रहे हैं और न ही प्रशासन कोई कदम उठा रहा है.

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