VIDEO: डर और दहशत के साए में किर्गिस्तान में 5 दिन फ्लैट में बंद रहे चेतन मालविया, घर लौटकर सुनाई आपबीती

Indian Student Returned Home: किर्गिस्तान से लौटे चेतन मालविया ने आपबीती सुनाते हुए बताया कि 17 अप्रैल की घटना के बाद सभी भारतीय छात्र वहां डर और दहशत के साए में थे और करीब 5 दिनों तक अपने फ्लैट में बंद रहे, क्योंकि बाहर निकलने पर स्थानीय लोग मारपीट कर थे, इसलिए हम बाहर नहीं निकले.

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Kirgizstan Crisis: किर्गिस्तान में भारतीय समेत विदेशी छात्रों में हमलों की खबरों के बाद मध्य प्रदेश सरकार के प्रयासों से अपने घर लौटे एमबीबीएस छात्र चेतन मालवीया ने अपनी आपबीती साझा की है. हमले5 दिन तक फ्लैट में कैद रहे मालवीया को भारत में वापसी के लिए मध्य प्रदेश सरकार और भारतीय दूतावास ने संयुक्त प्रयास करते हुए मालवीया की वापसी सुनिश्चित हो सकी. 

किर्गिस्तान से लौटे चेतन मालविया ने आपबीती सुनाते हुए बताया कि 17 अप्रैल की घटना के बाद सभी भारतीय छात्र वहां डर और दहशत के साए में थे और करीब 5 दिनों तक अपने फ्लैट में बंद रहे, क्योंकि बाहर निकलने पर स्थानीय लोग मारपीट कर थे, इसलिए हम बाहर नहीं निकले.

स्थानीय व बाहरी छात्रों के बीच विवाद के बाद किर्गिस्तान में बिगड़े हालात

गौरतलब है गत 17 मई को किर्गिस्तान में स्थानीय और कुछ बाहरी देश के लोगों के बीच हुए विवाद के बाद 18 मई से किर्गिस्तान में हालत बिगड़ने लगे थे. स्थानीय लोग किर्गिस्तान पर रहकर मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों और अन्य लोगो के साथ मारपीट करने लगे थे. ऐसे में वहां रहने वाले भारतीय छात्र काफी डरे हुए थे.

MP सरकार और भारतीय दूतावास की मदद से घर पहुंचे चेतन मालवीया

मामले को तूल पकड़ता देख मध्य प्रदेश सरकार और भारतीय दूतावास ने भारतीय छात्रों से बात की थी और मदद का भरोसा दिया था. हिंसा के बीच बड़वानी जिले के सेंधवा के समीप चाचरिया के रहने वाले छात्र चेतन मालविया भारत लौटने के बाद मीडिया से बातचीत में किर्गिस्तान के हालात बताए.

 

परिवार संग बैठे किर्गिस्तान से लौटे चेतन मालवीया

17 अप्रैल की घटना के बाद दहशत के साए में जीने को मजबूर थे छात्र

एमबीबीएस छात्र मालवीया ने बताया कि 17 अप्रैल की घटना के बाद सभी छात्र दहशत के साए में किर्गिस्तान में जीने को मजबूर थे. मालवीया ने बताया किर्गिस्तान से भारत लौटने के लिए उन्हे दो देशों का सफर करना पड़ा. अप्रैल को किर्गिस्तान के बिश्बेक से कजाकिस्तान की राजधानी अल्माटी पहुंचे, फिर वहां से उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद पहुंचे.

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दो देशों का सफर करने के बाद हमवतन पहुंचे छात्र चेतन मालवीया

चेतन मालवीया ने बताया कजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान का सफर करने के बाद  25 अप्रैल को भारतीय छात्र दिल्ली पहुंचे. उन्होंने बताया कि इस दौरान उन्होंने 4 घंटे का रास्ता 4 दिन में तय किया. चेतन के मुताबिक किर्गिस्तान में हालात खराब होने पर यूनिवर्सिटी ने उनकी जरूरत की चीजों के लिए ध्यान रखा.

हालात खराब होने के बाद किर्गिस्तान में पोस्टपोन की गई परीक्षाएं

फिलहाल हमारी परीक्षा आगे बढ़ा दी गई है। ऑनलाइन क्लासेस चल रही है संभवत 15 अगस्त के बाद हमने वापस लौटना होगा। चेतन के पिता कैलाश मालविया ने बताया कि बेटा सकुशल वापस लौट आया है इसकी हम बहुत खुशी है। हम चाहते है कि जब तक हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाते तब बच्चो की क्लासेस और परीक्षा ऑनलाइन ही आयोजित की जाए

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