PM Awas Yojana: पीएम आवास योजना के नाम पर ऐसी ठगी, एक पति-पत्नी ने लोगों को ऐसे लगाया दिया इतने लाख का चूना

PM Awas Yojana: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर 12 लोगों ने तकरीबन 14 लाख 88000 रुपये ठगने का मामला सामने आया है. जानिए- इन ठगों ने लोगों को कैसे लगाया चूना?

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Pradhan Mantri Awas Yojana News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर (Gwalior) में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनी मल्टी स्टोरी में आवास दिलाने के नाम पर दर्जन भर से अधिक लोगों के साथ लाखों रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. दरअसल, यहां एक पति-पत्नी खुद को कलेक्ट्रेट और फ़ूड विभाग का कर्मचारी बताते हुए आवास रीसेल करने के नाम पर यह रकम  ली गई. फरियादियों को कुछ निगम की फर्जी रसीदें भी दी गई. इस धोखाधड़ी का शिकार हुए एक दम्पत्ति ने एसपी ऑफिस पहुंच कर  अपनी आपबीती सुनाई और  पुलिस से मदद की गुहार लगाई. फरियादी की शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

मामला ग्वालियर के हजीरा थाना क्षेत्र के नाका इलाके का है. यहां के रामनगर में रहने वाले मुकेश तोमर का विनोद तोमर नाम के व्यक्ति से संपर्क हुआ था. विनोद ने खुद को खाद्य विभाग का कर्मचारी और अपनी पत्नी को निगम कर्मचारी बताकर भरोसा दिलाया था कि सागर ताल इलाके में निर्मित प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने कुछ आवास रीसेल होने हैं, क्योंकि जिनके नाम पर आवास आवंटित हुए हैं, उन्होंने राशि जमा नहीं की है. मुकेश सिंह को ढाई लाख रुपये में आवास मुहैया करने का आश्वासन दिया गया, जिसके एवज में मुकेश सहित अन्य 12 लोगों ने तकरीबन 14 लाख 88000 रुपये विनोद सिंह और उसकी पत्नी नीतू सिंह को दे दिए, जब इनसे रसीद के लिए दबाव बनाया गया, तो 20-20 हजार रुपये की रसीदें थमा दी गई. जब फरियादी और उनके साथ धोखाधड़ी के शिकार हुए अन्य लोगों ने रसीदों की जांच पड़ताल की, तो पता लगा कि यह रसीदें फर्जी हैं.

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मामले की शिकायत हजीरा थाना पुलिस को भी की गई, लेकिन हजीरा थाना पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. मजबूरन फरियादी जनसुनवाई में पहुंचा और पुलिस अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई. सीएसपी नागेंद्र सिंह का कहना है कि फरियादी मुकेश तोमर और उनके साथ अन्य लोगों के साथ सागर ताल में बने पीएम आवास के नाम पर रुपये लिए गए हैं. निगम के नाम की उनको रसीदें भी दी गई, इस मामले की निगम अधिकारियों से तस्दीक कर दोनों पक्षों से जानकारी लेने के बाद कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.

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