Bopal Ashbagh 90 degree turn ROB: देशभर में सुर्खियां बटोरने वाले भोपाल के 90 डिग्री मोड़ वाले ROB निर्माण को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. काफी वक्त बाद ही सही अब फैसला लिया गया है कि इस ROB का रेडियस 10.7 मीटर बढ़ाया जाएगा.... फिलहाल ये घुमाव 6 मीटर के रेडियस में है. जिसके बाद इसका घुमाव 90 डिग्री वाला नहीं रहेगा और वाहनों को मोड़ने के दौरान होने वाला जोखिम भी कम हो जाएगा. इससे ट्रैफिक जाम से भी निजात मिलने की संभावना जताई जा रही है. दरअसल इस प्रोजेक्ट का केंद्रीय विशेषज्ञ समिति ने मौके पर निरीक्षण किया और ब्रिज के डिज़ाइन में महत्वपूर्ण बदलाव की सिफारिश की है. इसी सिफारिश के तहत ये बदलाव किया जाएगा.
रेलवे के अधिकारी भी बदलाव पर सहमत
समिति की रिपोर्ट के अनुसार, अब इस आरओबी का रेडियस 10.7 मीटर बढ़ाया जाएगा. विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान संरचना में रेडियस छोटा होने के कारण बड़े और भारी वाहनों के लिए मोड़ पर जोखिम बना रहता है. बढ़े हुए रेडियस से न सिर्फ़ ब्रिज पर ट्रैफिक की आवाजाही सुगम होगी, बल्कि दुर्घटनाओं की आशंका भी काफी कम हो जाएगी.
साथ ही, तकनीकी दृष्टि से भी यह बदलाव प्रोजेक्ट को और सुरक्षित व स्थायी बनाएगा.90 डिग्री ब्रिज भोपाल के उन इलाकों को जोड़ता है, जहां हर दिन भारी संख्या में वाहन निकलते हैं. फिलहाल तंग मोड़ और सीमित रेडियस के कारण यहां अक्सर जाम और दुर्घटना जैसी स्थिति बनती रहती है. यही वजह है कि स्थानीय लोग लंबे समय से इस पुल के चौड़ीकरण और सुरक्षित डिज़ाइन की मांग कर रहे थे.
बदलाव के लिए नई DPR होगी तैयार
केंद्रीय समिति की रिपोर्ट को राज्य सरकार और नगर निगम को सौंपा जाएगा. डिज़ाइन में बदलाव के बाद नई DPR तैयार होगी. रेलवे और निर्माण एजेंसी की संयुक्त निगरानी में काम को गति दी जाएगी. अधिकारियों का दावा है कि बदलाव के बावजूद प्रोजेक्ट की समयसीमा पर बड़ा असर नहीं पड़ेगा.स्थानीय निवासियों और रोज़ाना इस मार्ग से गुजरने वाले यात्रियों का कहना है कि रेडियस बढ़ने से ट्रैफिक की समस्या काफी हद तक खत्म होगी. लोगों को उम्मीद है कि अब यह आरओबी शहर की ट्रांसपोर्ट लाइफ़लाइन साबित होगा.
समय-सीमा से एक साल लेट है प्रोजेक्ट
बता दें कि ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज (ROB) का निर्माण 21 मई 2022 को शुरू हुआ था. ये प्रोजेक्ट पहले से ही अपनी समय सीमा से एक साल देरी से चल रहा है. 17 करोड़ 37 लाख की लागत वाले ब्रिज का निर्माण अगस्त 2024 में पूरा होना था. लेकिन अगस्त 2025 में भी इसे बनाने की प्रक्रिया जारी है. इससे पहले जून में जब 90 डिग्री मोड़ वाले इस ओवरब्रिज की तस्वीरें वायरल हुई थी तो देशभर में सुर्खियां बनी थी. इसके बाद खुद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इसका संज्ञान लिया था और जांच रिपोर्ट के आधार पर लोक निर्माण विभाग के 8 इंजीनियर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई थी. इसमें दो सीई सहित सात इंजीनियर्स को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। एक सेवानिवृत एसई के खिलाफ विभागीय जांच भी बिठाई गई थी. इस प्रोजेक्ट में आरओबी का त्रुटिपूर्ण डिजाइन प्रस्तुत करने पर निर्माण एजेंसी एवं डिजाइन कंसल्टेंट, दोनों को ही ब्लैक लिस्ट भी किया गया था.
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