स्कूल के अंदर कहाँ से घुस गई इतनी गाय? टीचर बोले- "दरवाजे के साथ हुई छेड़छाड़" 

Katni District News : मध्य प्रदेश के कटनी जिले में एक स्कूल ऐसा है जहां छात्रों की पढ़ाई करने की जगह पर कुछ मवेशियों ने अड्डा जमा लिया है. बताया जा रहा है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने स्कूल के दरवाजे के साथ छेड़छाड़ की है... जिसके चलते इस तरह का माहौल देखने को मिल रहा है. 

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
जब स्कूल के अंदर घुस गई इतनी गाय? टीचर बोले- "दरवाजे के साथ हुई छेड़छाड़" 

Madhya Pradesh News : कटनी जिले के शासकीय माध्यमिक शाला पहरुआ में असामाजिक तत्वों ने स्कूल का गेट तोड़ दिया है, जिससे स्कूल परिसर में मवेशियों का जमावड़ा हो गया है. मवेशियों की मौजूदगी से छात्रों में भय का माहौल है. इसके अलावा, स्कूल में पीने के पानी की समस्या भी है... जिसके चलते छात्रों को पड़ोस के मंदिर में जाकर पानी पीना पड़ता है. स्कूल परिसर में लगा हैंडपंप बदबूदार पानी देता है, जिससे छात्रों के लिए इसका पानी पीना असंभव हो गया है... लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. 

NDTV ने की बातचीत 

इसका कारण स्कूल की पिछली दीवार से बस्तियों की नाली का पानी आना है जिससे स्कूल की दीवारों में सीपेज की समस्या बनी हुई है और वहां रखा सामान भी खराब हो रहा है. NDTV संवाददाता राम बिहारी गुप्ता ने स्कूल की समस्याओं पर छात्रों और शिक्षकों से चर्चा की.

स्कूल में व्यवस्था ठप

छात्रों ने बताया कि क्लासरूम के सामने मवेशी खड़े रहते हैं, जिससे उन्हें डर बना रहता है. साथ ही, स्कूल में पीने के पानी की सुविधा नहीं होने के कारण उन्हें पड़ोस में स्थित मंदिर के पास जाकर पानी पीना पड़ता है. स्कूल में लगे हैंडपंप का पानी खराब आता है, जिससे वे उसे पी नहीं सकते.

ये भी पढ़ें : 

MP में दम तोड़ रही शिक्षा व्यवस्था, बिन स्कूल झोपड़ी में पढ़ने को मजबूर बच्चे 

क्या बोले स्कूली टीचर ?

शिक्षक धरमदास जाटव और बाबूराम पटेल ने बताया कि पिछले महीने ही स्कूल में गेट लगाया गया था, जिसे असामाजिक तत्वों ने तोड़ दिया है. इसके चलते स्कूल परिसर में मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है और छात्रों में भय व्याप्त है. इसके अलावा, स्कूल की दीवार में बस्तियों की नाली का पानी आने से स्कूल में सीपेज की समस्या बनी रहती है. बारिश के दौरान क्लासरूम में पानी का जमावड़ा हो जाता है. इसकी शिकायत अधिकारियों से की गई है, लेकिन समस्या का समाधान अब तक नहीं हो सका है.

Advertisement

ये भी पढ़ें : 

जब 8वीं के छात्र नहीं पढ़ पाएंगे हिंदी... तो MP में कैसे होगा शिक्षा का विकास ?

Topics mentioned in this article