जबलपुर में देविका पटेल के 'भागवत कथा' कहने पर हंगामा, पुलिस ने 7 आरोपियों पर दर्ज किया केस

Bhagwat Katha Controversy:जबलपुर में बीते दिनों एक महिला कथावाचक देविका पटेल को श्रीमद्भागवत कथा कहने से गांव के ही कुछ दबंगों ने रोक दिया. उनके पिता को बुलाकर धमकी भी दी. लेकिन देविका ने हार नहीं मानी और संघर्ष का फैसला लिया. तब कई समाजिक संगठन उनकी मदद को आगे आए और 7 आरोपियों के खिलाफ मामला भी दर्ज हो गया है.

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Jabalpur Devika Patel News: धार्मिक आयोजनों में जातीय भेदभाव के खिलाफ एक बड़ा मामला जबलपुर जिले के रैपुरा गांव में सामने आया है. दरअसल यहां पहली बार एक महिला कथावाचक के रूप में देविका पटेल ने श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया, जिसे लेकर गांव के कुछ असामाजिक तत्वों ने न केवल विरोध किया बल्कि कथावाचक और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी. इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में जातीय तनाव फैल गया, जिससे मामला प्रदेशभर में सुर्खियों में आ गया. फिलहाल गांव में पुलिस बल तैनात है. 

श्रीमद्भागवत कथा कहने पर विवाद क्यों?

ग्राम रैपुरा निवासी देविका पटेल ने 24 फरवरी से 4 मार्च तक गांव में श्रीमद्भागवत कथा के आयोजन की घोषणा की थी.यह पहली बार था जब गांव की कोई महिला कथावाचक के रूप में मंच पर बैठने जा रही थी.लेकिन गांव के ही कुछ लोगों ने जातिगत भेदभाव के चलते इसका विरोध करना शुरू कर दिया. आरोप है कि गांव के सचिन तिवारी, सुरेंद्र तिवारी, सचिन मिश्रा, जयकुमार, पवन तिवारी, ईलू तिवारी और लल्ला दुबे ने देविका के पिता मानिकलाल पटेल को बुलाकर धमकाया कि पटेल समाज की महिला गांव में कथा नहीं कर सकती. यदि कथा हुई तो पूरे परिवार को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. 

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देविका पटेल ने दिखाई हिम्मत

इस पूरे विवाद के बीच कथा वाचक देविका पटेल ने साहस का परिचय दिया है. NDTV से उन्होंने कहा- सनातन धर्म में ज्ञान की पूजा होती है, किसी जाति या लिंग की नहीं. यदि भगवान ने मुझे ज्ञान दिया है तो मुझे कथा कहने से कोई नहीं रोक सकता.  

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उन्होंने साफ किया कि गांव के ब्राह्मणों ने उनके पिता को धमकी दी है. उनलोगों ने कहा है कि यदि मुझे कथा करनी है तो मुझे किसी ब्राह्मण से विवाह करना होगा.

देविका ने बताया कि इसी के बाद उन्होंने भीम आर्मी और अन्य संगठनों से संपर्क किया और सहायता मांगी. देविका ने पुलिस से भी सहायता मांगी है. उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि उनकी जान को खतरा है और उनके साथ कुछ भी हो सकता है.

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जातीय भेदभाव का विरोध, हजारों लोग कथा सुनने पहुंचे

यह मामला जब गांव में फैला तो कुर्मी पटेल समाज, ओबीसी महासभा, SC-ST मोर्चा और भीम आर्मी समेत कई संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया. इसके बाद हजारों लोग देविका पटेल के समर्थन में कथा सुनने पहुंचे और महिला कथा वाचक को पूर्ण सहयोग दिया. पुलिस ने भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाते हुए कथा को शांतिपूर्ण रूप से संपन्न कराया.

पुलिस ने 7 आरोपियों पर दर्ज किया मामला

दूसरी तरफ कथावाचक के पिता की शिकायत पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 296 (धार्मिक आयोजन में बाधा पहुंचाना), 351 (2) (धमकी देना) और अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3 (5) के तहत मामला दर्ज किया है. हालांकि, घटना के 10 दिन बीत जाने के बावजूद सभी आरोपी फरार हैं. खुद जबलपुर के एएसपी सूर्यकांत शर्मा ने कहा कि ये मामला उनके संज्ञान में है. उन्होंने बताया कि "देविका पटेल और उनके परिवार को पूरी सुरक्षा दी गई है.पुलिस की सुरक्षा में कथा निर्विघ्न संपन्न कराई गई है.सभी आरोपियों की तलाश जारी है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस किसी भी हाल में सामाजिक सद्भाव को बिगड़ने नहीं देगी"

प्रशासन पर सवाल, आंदोलन की चेतावनी

उधर ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय महासचिव नोखेलाल प्रजा ने कहा है कि "यह घटना समाज की मानसिकता पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है. अगर पुलिस जल्द आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करती तो हम जिला मुख्यालय का घेराव करेंगे और आंदोलन को और तेज करेंगे."  इस पूरी घटना पर OBC सामाजिक संगठनों ने तीन मांग की है.उनकी मांग है कि  आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की जाए. देविका पटेल को स्थाई पुलिस सुरक्षा दी जाए और धार्मिक आयोजनों में जातीय भेदभाव के खिलाफ सख्त कानून बनाया जाए. 

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