Gajara Raja Medical College Gwalior: आजकल कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) या हार्ट अटैक (Heart Attack) के मामलों का सामने आना आम बात हो गई है. ज्यादातर मरीजों की जान इसलिए चली जाती है, क्योंकि इस क्रिटिकल समय में पेशेंट को उपचार देने वाला प्रशिक्षित चिकित्सक नहीं मिलता. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, मध्यप्रदेश के सभी डॉक्टर्स को अब ग्वालियर (Gwalior) में इसकी ट्रेनिंग मिलेगी. ग्वालियर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज (Gajara Raja Medical College) में प्रदेश का पहला सीआरटी सेंटर खुला है, जहां इसकी ट्रेनिग दी जाएगी और सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा. यहां एमपी के अलावा राजस्थान और यूपी के डॉक्टर भी आकर ट्रेनिंग ले सकेंगे, क्योंकि वहां अभी ट्रेनिग सेंटर नहीं है. खास बात ये भी है कि गजराराजा मेडिकल कॉलेज ने यह सेंटर बगैर किसी शासकीय सहायता के सिर्फ अपने उपलब्ध संसाधनों से ही स्थापित किया है.
स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि
मध्यप्रदेश और ग्वालियर में चिकित्सा के क्षेत्र में एक और बड़ा आयाम जुड़ा है. सीआरटी सेंटर (कम्प्रेहेंसिव रिससिटेशन ट्रेनिंग सेंटर) मध्यप्रदेश में अपनी तरह का पहला प्रशिक्षण केन्द्र है. गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के डॉ आरकेएस धाकड़ ने इस केन्द्र का शुभारंभ किया है.
ग्वालियर में सीआरटी सेंटर शुरू हो जाने से अब महाविद्यालयीन चिकित्सा स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को यह प्रशिक्षण पूरा करने के लिये देश के अन्य महानगरों में जाने की जरूरत नहीं रहेगी. एनएमसी (नेशनल मेडीकल कमीशन) ने स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिये बेसिक कार्डियो पल्मोनरी लाइफ सपोर्ट एवं एडवांस कार्डियो पल्मोनरी लाइफ सपोर्ट कोर्स को अनिवार्य किया है. सीआरटी सेंटर शुरू हो जाने से अब यहां के स्नातकोत्तर विद्यार्थी अब ग्वालियर में ही यह कोर्स कर सकेंगे.
इस प्रकार काम करता है सीआरटी सेंटर
सीआरटी सेंटर एक स्वतंत्र कार्यशील ईकाई है जो इंडियन रिससिटेशन काउंसिल फेडरेशन के नियमों एवं नीतियों के तहत कार्य करती है. केंद्र के प्रशासनिक प्रमुख के रुप में एक कोर्डिनेटर होता है जो इंडियन रिससिटेशन काउंसिल फेडरेशन के दिशा-निर्देशों का पालन करता है. सीआरटी केंद्र के अंतर्गत संचालित सभी गतिविधियों का एक प्रभारी होता है. ग्वालियर केंद्र के लिए कोर्डिनेटर की जिम्मेदारी निश्चेतना विभागाध्यक्ष, सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक डॉ नीलिमा टंडन को दी गई है.
मिलेगा ये प्रमाण-पत्र
सीआरटी सेंटर में चिकित्सकीय क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों को 2.5 दिन के कोर्स में बेसिक कार्डियो पल्मोनरी लाइफ सपोर्ट, एडवांस कार्डियो पल्मोनरी लाइफ सपोर्ट का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके बाद एक प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया जाएगा. यह प्रमाण-पत्र प्राप्त करने वाले चिकित्सक सीआरटी के अनुसार चिकित्सा करने के लिये विधिवत पात्र हो जाते हैं. मध्यप्रदेश में अब सरकार यह प्रावधान करने जा रही है कि बगैर सीआरटी सर्टिफिकेट के किसी भी चिकित्सक का प्रमोशन ही नहीं होगा. इस सेंटर के प्रभारी और डिपार्टमेंट ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ जितेंद्र अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के इस पहले सेंटर में न केवल डॉक्टर बल्कि पैरा मेडिकल स्टाफ को भी लाइफ सेविंग के लिए जैसे कि दिल का धड़कना रुक जाता है या अन्य हार्ट सम्बन्धी दिक्कत के समय पेशेंट की जान कैसे बचाई जा सकती है. इस सेंटर में उन्हें यहीं लाइफ सेविंग स्किल सिखाई जाएगी. अभी एमसीआई द्वारा सभी पीजी स्टूडेंट के लिए अनिवार्य किया है. यहां से सभी डॉक्टर को ट्रेनिंग मिलेगी जिसका लाभ आम जनता को मिलेगा.
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