Mughal-era Five-Star Hotel:  400 साल पुराना, 100 से अधिक कमरे... मुगल कालीन इस फाइव स्टार होटल को संवारेगा नगर निगम

Akbari Sarai Hotel History: नगर निगम हॉटल अकबरी सराय को 1 करोड़ 30 लाख रुपये की लागत से संवारेगा. साथ ही यहां एक बगीचा विकसित किया जाएगा, ताकि देशी-विदेशी पर्यटकों के साथ साथ स्थानीय नागरिक भी नियमित इस धऱोहर में आकर रूबरू हो सके.  

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Mughal Empire Five Star Hotel Akbari Sarai: बुरहानपुर में 400 साल पहले मुगलों द्वारा निर्मित फाइव स्टार होटल अकबरी सराय (Mughal-era Five-Star Hotel)  को अब नगर निगम संवारने की तैयारी कर रहा है. इतिहासकारों ने नगर निगम की इस पहल का स्वागत किया है, लेकिन उस समय के अनुरूप सराय के कमरों की मरम्मत कराना नगर निगम के लिए चुनौती होगा. इसके लिए नगर निगम को राजस्थान के कारीगरों को बुलाना पड़ेगा.

यहां जानिए मुगलों की शान होटल अकबरी सराय की खासियत

बुरहानपुर शहर के बीचों-बीच 400 साल पहले मुगलों के अकबरी सराय (Akbari Sarai) का निर्माण कराया गया था. इस सराय में 100 अधिक कमरे थे और यह अपने जमाने की फाइव स्टार होटल थी. ईस्ट इंडिया कंपनी (IEC) के स्थापना के सिलसिले में जब सर थॉमस रॉ (Sir Thomas Roe) भारत आया था, तब वो इसी अकबरी सराय में 7 दिन तक शाही मेहमान की तरह स्टे किया था. इसके अलावा मुगलों के वीआईपी मेहमान इसी अकबरी सराय में ठहरा करते थे, लेकिन लंबे समय से इस अकबरी सराय की देखरेख के अभाव में यह प्राचीन धरोहर दुर्दशा की शिकार होती जा रही है.

गंदगी देख उल्टे पांव लौट जाते थे पर्यटक

इसे देखने देशी-विदेशी पर्यटक जरूर आते थे, लेकिन यहां फैली गंदगी को देख उल्टे पांव लौट जाते थे. शहर के नागरिकों और इतिहासकारों ने नगर निगम से इस धरोहर को बचाने के लिए इसके जीर्णोद्धार की मांग की.

1.30 करोड़ की लागत से होगा जीर्णोद्धार

अब नगर निगम ने 1 करोड़ 30 लाख रुपये की लागत से इस अकबरी सराय को संवारने की पहल की है. अब नगर निगम द्वारा अकबरी सराय के कमरों को बेहतर किया जाएगा. वहीं बीच में एक बगीचा विकसित किया जाएगा, ताकि देशी विदेशी पर्यटकों के साथ साथ स्थानीय नागरिक भी नियमित इस धऱोहर में आकर रूबरू हो सके.

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राजस्थान से आएंगे कारीगर

बता दें कि नागरिकों और इतिहासकारों ने नगर निगम की इस पहल का स्वागत किया है. हालांकि उस समय के अनुरूप अकबरी सराय के कमरों की मरम्मत करना नगर निगम के लिए बड़ी चुनौती होगी. इसके लिए उन्हें राजस्थान से कारीगरों को बुलाना पड़ेगा.

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