भोपाल में सदन से सड़क तक कांग्रेस का 'हल्ला बोल', मांग- सत्र की अवधि बढ़े, फसलों का समर्थन मूल्य बढ़े

MP Assembly budget session:मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा. सदन के अंदर और बाहर कांग्रेस ने सरकार को घेरने की पूरी कोशिश की. इस दौरान सदन के बाहर किसान कांग्रेस और पुलिस के बीच झड़प भी हुई. कांग्रेस का मंच भी भरभरा कर गिरा...जिससे कई नेता घायल हो गए. सदन के अंदर भी कांग्रेस नेता काले नकाब में पहुंचे थे.

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MP Budget session: मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया है. ये सत्र  10 से 24 मार्च तक सत्र चलेगा. इसी दौरान 12 मार्च को मोहन यादव सरकार अपना बजट पेश करेगी. सत्र के पहले दिन विपक्षी दल कांग्रेस सरकार को सदन के अंदर और बाहर दोनों जगहों पर घेरने में जुटा रहा. सदन के अंदर कांग्रेस विधायक काला कपड़ा बांधकर आए तो सदन के बाहर किसान कांग्रेस विधानसभा का घेराव करने इकट्ठा हुई. इसी दौरान रंगमहल चौराहे पर प्रदर्शन के बीच कांग्रेस का मंच टूट गया, जिसमें सात नेता घायल हो गये. 

मध्यप्रदेश विधानसभा सत्र के पहले दिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान उसकी पुलिस से झड़प भी हुई.

"मंच की क्षमता 300 लोगों की, चढ़े 600" 

सबसे पहले बात कांग्रेस के विधानसभा घेराव कार्यक्रम की. किसान कांग्रेस के नेता सोमवार को विधानसभा घेराव के लिए निकले थे. इसी दौरान पार्टी नेताओं के लिए भोपाल के रंगमहल चौराहे पर एक टेंट लगाई गई थी.मंच पर जब कांग्रेस नेताओं की भीड़ बढ़ी तो मंच अचानक ही भरभरा कर गिर पड़ा. जिस वक्त ये हादसा हुआ, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, प्रदेश प्रभारी समेत कई नेता मौजूद थे.पूर्व विधायक रवि जोशी, वरिष्ठ नेता राजीव सिंह, प्रवक्ता रोशनी यादव और वरिष्ठ नेता मानक अग्रवाल इस हादसे में घायल हो गए. इनमें से रवि जोशी , राजीव सिंह और रोशनी यादव को गंभीर चोटें आई है. सभी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मंच गिरने की घटना को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने षड्यंत्र करार दिया है. जीतू पटवारी ने कहा है कि ये प्रशासन की घोर लापरवाही हैं. दूसरी तरफ वरिष्ठ कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने कहा है कि मंच की क्षमता 300 लोगों की थी और उस पर 600 लोग चढ़ गए तो हादसा होना ही था.   

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भोपाल में घायल कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिले प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी

कांग्रेस कार्यकर्ताओं- पुलिस में झड़प

बहरहाल घटना की थोड़ी देर बाद ही किसान कांग्रेस के कार्यकर्ता आगे बढ़े, तो पुलिस ने पानी की बौछार से उन्हें रोका लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता विधानसभा की ओर जाने के लिए अड़े रहे. इसी दौरान पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में झड़प की तस्वीरें भी सामने आईं. हालांकि पुलिस ने थ्री लेयर बैरिकेडिंग कर रोशनपुरा चौराहे पर कांग्रेस नेताओं को रोक लिया. अब आगे बढ़ने से पहले जान लेते हैं कि कांग्रेस की मांग क्या है? 

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इन मांगों के लेकर कांग्रेस ने हल्ला बोला ! 

  1. भूमि अधिग्रहण कानून का शत प्रतिशत पालन हो

  2. किसानों को गेहूं के 3000 रुपए प्रति क्विंटल

  3. धान के 3500 रुपए प्रति क्विंटल मिलें

  4. लाडली बहना योजना के तहत 3000 रु की राशि मिले

बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस कार्यकर्ता काला नकाब पहन कर पहुंचे और अपना विरोध दर्ज कराया.

सदन के अंदर काले नकाब में आए कांग्रेस नेता

दूसरी तरफ कांग्रेस के नेताओं ने सदन के अंदर भी सरकार का विरोध जारी रखा. सभी कांग्रेस विधायक सोमवार को सदन में काले नकाब पहनकर आए. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंधार ने कहा- हम चाहते हैं सत्र की अवधि बढ़ाई जाए. सरकार हमारी बात सुने इसलिए हम काले नकाब पहनकर आए हैं. सिंघार ने ये भी कहा कि विधानसभा सत्र बढ़ाने की मांग वो कार्य मंत्रणा समिति से भी करेंगे. हालांकि सरकार ने कांग्रेस के विरोध के तरीके को गलत बताया. मंत्री गौतम टेटवाल ने कहा- कांग्रेस के विरोध का तरीका ठीक नहीं है. वो सदन में बैठे और चर्चा में हिस्सा ले. पिछले जो विधानसभा के सत्र रहे हैं कांग्रेस ने चलने नहीं दिया और सिर्फ हंगामा करने की कोशिश की है. कांग्रेस को जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका अदा करनी चाहिए. बहरहाल सदन और सदन के बाहर हंगामे के बीच राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में सदन में बताया कि अगले 3 साल में किसानों को 20 लाख सोलर पंप बांटे जाएंगे, राज्य में सिंचाई क्षमता को 100 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाया जाएगा .दूसरी तरफ कांग्रेस ने कहा वो हर जिले में किसानों की लड़ाई लड़ने 1000 किसान न्याय योद्धा बनाएगी. 

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