35 बच्चों की जिंदगी खतरे में, स्कूल के जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर मासूम

Government Schools: देवास के सरकारी स्कूल के जर्जर भवन में पढ़ने को 35 बच्चे मजबूर है. इनके जीवन पर हर समय खतरा बना रहता है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं.

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देवास के सरकारी स्कूल की हालत जर्जर

Dewas Government School: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के देवास जिला मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर दूर लसुड़िया पंचायत के गांव तुमडावदा का सरकारी प्राथमिक स्कूल (Government Primary School) मौत के साये में चल रहा है. इस स्कूल के 35 बच्चों के लिए सिर्फ एक शिक्षक हैं और स्कूल भवन इतना खतरनाक हो चुका है कि शिक्षक बच्चों को खुले मैदान में पढ़ा रहे हैं. गांव तुमडावदा के इस स्कूल की छत जगह-जगह से टूट चुकी है और सरिए बाहर निकल आए हैं. एक बड़ा हॉल ही स्कूल का एकमात्र क्लासरूम है, लेकिन उसमें बैठना जोखिम भरा है. शिक्षक बताते हैं कि वह बच्चों को अब उस हॉल में नहीं बैठाते क्योंकि कभी भी छत गिर सकती है. एक बार छत का हिस्सा एक महिला शिक्षिका पर गिर भी चुका है, जिन्हें तत्काल अस्पताल ले जाना पड़ा था.

स्कूल भवन का छत जर्जर

खुले मैदान में बैठकर पढ़ रहे बच्चे

ग्रामवासियों की मदद से छत को प्लास्टिक की पन्नी से ढका गया है, ताकि बारिश का पानी स्कूल के अंदर न गिरे और छत का गिरना किसी हद तक रोका जा सके. इसके बावजूद हालात इतने खराब हैं कि फिलहाल सभी बच्चों को खुले मैदान में बैठाकर पढ़ाया जा रहा है. हर दिन करीब 32 बच्चे स्कूल आ रहे हैं और उन्हें पढ़ाने के लिए केवल एक ही शिक्षक पदस्थ है.

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छात्रों की जान के साथ खिलवाड़

एक शिक्षक पर पूरे स्कूल की जिम्मेदारी

शिक्षक ने बताया कि उन्होंने कई बार अपने वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित में सूचना दी कि स्कूल भवन की छत गिर रही है और पानी रिस रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. सरकार की ओर से बाउंड्री वॉल बनाने के लिए फंड तो भेजा गया, जिससे चारदीवारी बन गई, लेकिन जर्जर भवन की मरम्मत या नए भवन के लिए कोई बजट नहीं मिला.

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