काले हिरण शिकार मामला: डॉक्टर वसीम खान गिरफ्तार, मनी लॉन्ड्रिंग से भी जुड़ सकता है नाम- पढ़ें पूरी खबर

मध्य प्रदेश के राहतगढ़ में सामने आए Blackbuck poaching case में मुख्य आरोपी Dr. Wasim Khan arrest होने के बाद बड़ा खुलासा हुआ है. वन विभाग की जांच में wildlife smuggling racket और संभव money laundering link की आशंका जताई है.

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Blackbuck Poaching Case: सागर जिले के राहतगढ़ इलाके में काले हिरण के शिकार का खुलासा होते ही पूरा प्रदेश हिल गया है. वन विभाग ने इस मामले में भोपाल के रहने वाले डॉक्टर वसीम खान समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. शुरुआती जांच में ही कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिससे मामला सिर्फ शिकार तक सीमित नहीं रह गया, बल्कि बड़े रैकेट और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ने की आशंका गहरा गई है.

मुख्य आरोपी डॉक्टर वसीम खान गिरफ्तार

वन विभाग की टीम ने कार्रवाई के दौरान जिस घर पर दबिश दी, वहां से काले हिरण का मांस, खाल, हथियार और कारतूस बरामद किए गए. आरोपियों में सबसे बड़ा नाम भोपाल निवासी डॉ. वसीम खान का है, जो इस पूरे शिकार रैकेट का मुख्य आरोपी बताया जा रहा है. उसकी गिरफ्तारी के बाद से ही मामले ने गंभीर रूप ले लिया है.

बैंक खाते और फोन रिकॉर्ड की जांच

सूत्रों का कहना है कि अब वन विभाग वसीम खान की भोपाल स्थित क्लीनिक पर छापा मारने की तैयारी कर रहा है. साथ ही आरोपियों के बैंक खातों, कॉल डिटेल्स और सोशल मीडिया एक्टिविटी की जांच शुरू की गई है. जांच टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह गिरोह कितने समय से सक्रिय था और इसका नेटवर्क कितनी दूर तक फैला है.

काले हिरण के मांस और सींगों की भारी कीमत

बुंदेलखंड का राहतगढ़ क्षेत्र घासभूमि होने के कारण यहां ब्लैक बक बड़ी संख्या में पाए जाते हैं. शिकार करने वाले गिरोह इन्हीं इलाकों को निशाना बनाते हैं. बताया जाता है कि काले हिरण के मांस और सींगों की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों रुपये तक होती है. कुछ देशों में दावा किया जाता है कि इसके मांस से सेक्सुअल पावर बढ़ाने वाली दवाएं बनाई जाती हैं, जिससे अरब देशों में इसकी डिमांड बहुत ज्यादा है.

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इंटरनेशनल वाइल्डलाइफ सिंडिकेट से जुड़ाव!

वन विभाग को आशंका है कि यह मामला सिर्फ स्थानीय शिकार गिरोह का नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय वाइल्डलाइफ स्मगलिंग सिंडिकेट से जुड़ा हो सकता है. मामले की गंभीरता को देखते हुए STF को भी जांच में शामिल किया गया है. कई स्तरों पर पूछताछ और तकनीकी जांच एक साथ आगे बढ़ रही हैं.

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जल्द होगी रैकेट के सभी सदस्यों की पहचान

वन विभाग ने साफ किया है कि इस रैकेट में शामिल हर सदस्य और खरीददार की पहचान की जाएगी. जांच में जिनका भी नाम सामने आएगा, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. विभाग ने कहा कि यह मामला वन्यजीव संरक्षण कानून के गंभीर उल्लंघन का है, इसलिए किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.

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