विंध्य इलाके की चारों सीटों पर बीजेपी को मिली जीत पर बढ़ गई पार्टी की चिंता

मध्यप्रदेश में बीजेपी ने क्लीन स्वीप पर पूरे देश में पार्टी की लाज बचा ली है. हालांकि इस प्रचंड जीत के बाद भी विंध्य इलाके ने बीजेपी की चिंता थोड़ी बढ़ा दी है. इसकी दो वजहें हैं. पहली वजह इलाके में कम वोटिंग होना है और दूसरी वजह है नेताओं की घटती लोकप्रियता. दरअसल इस पूरे इलाके में पिछले चुनाव में भी बीजेपी ही जीती थी लेकिन तब जीत का मार्जिन काफी ज्यादा था जो 2024 के चुनाव में काफी कम हो गया है

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Madhya Pradesh Election Result:मध्यप्रदेश में बीजेपी ने क्लीन स्वीप पर पूरे देश में पार्टी की लाज बचा ली है. हालांकि इस प्रचंड जीत के बाद भी विंध्य इलाके ने बीजेपी की चिंता थोड़ी बढ़ा दी है. इसकी दो वजहें हैं. पहली वजह इलाके में कम वोटिंग होना है और दूसरी वजह है नेताओं की घटती लोकप्रियता. दरअसल इस पूरे इलाके में पिछले चुनाव में भी बीजेपी ही जीती थी लेकिन तब जीत का मार्जिन काफी ज्यादा था जो 2024 के चुनाव में काफी कम हो गया है. बता दें कि विंध्य इलाके में चार लोकसभा सीटें आती हैं. जिनके नाम हैं- सतना,शहडोल,रीवा और सीधी (Satna, Shahdol, Rewa and Sidhi). 

विंध्य इलाके की तीन सीटों सतना, रीवा और सीधी की सीमाएं उत्तर प्रदेश से लगी हैं जबकि शहडोल की सीमा छत्तीसगढ़ से सटी है. यहां तीन सीटों पर भाजपा नेतृत्व ने पुराने चेहरों पर भरोसा जताया था जबकि रीति पाठक के विधायक बनने के बाद सीधी में नए चेहरे डॉ राजेश मिश्रा को टिकट दे कर मैदान में उतारा गया था. बीजेपी का दांव काम कर गया और चारों सीट पर उसे जीत मिली है पर सभी की जीत का मार्जिन कम हुआ है.  

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बता दें कि सतना से गणेश सिंह लगातार पांचवीं बार जीते हैं. रीवा से इस बार जनार्दन मिश्रा ने जीत की हैट्रिक पूरी की है. शहडोल से हिमाद्री सिंह ने भी लगातार दूसरी बार बीजेपी का परचम लहराया है. वहीं सीधी के नए चेहरे डॉ राजेश मिश्रा ने भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए सीधी से जीत की लय बरकरार रखी है. 

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सबसे अधिक गणेश सिंह का गिरा ग्राफ

दरअसल विंध्य की चार सीटों पर भाजपा काफी समय से कब्जा जमाती आ रही है. लेकिन इस बार आश्चर्यजनक तरीके से नेताओं की जीत का ग्राफ गिरा है. सबसे अधिक गिरावट सतना सांसद गणेश सिंह के ग्राफ में आई है. 2019 के चुनाव में 231473 वोटों से जीत दर्ज करने वाले सांसद गणेश सिंह 2024 के चुनाव में 84949 मतों से जीत दर्ज कर सके. वहीं पिछले चुनाव में 312808 मतों से जीतने वाले जर्नादन मिश्रा इस बार 193374 वोटों से विजयी हो पाए. इसी प्रकार शहडोल की सांसद हिमाद्री सिंह ने पिछली बार 402333 वोटों से जीत का रिकार्ड बनाया था जबकि इस बार 397340 वोटों का मार्जिन ले पाईं. वहीं सीधी से नए चेहरे डॉ राजेश को रीति पाठक की जगह उतरा गया जो रिकार्ड तोड़ पाने में कामयाब नहीं हुए. 2019 में रीति को 286524 वोटों से जीत मिली थी जबकि डॉ राजेश को 208416 वोटों से जीत मिली.

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नए चेहरे भी नहीं लगा सके नैया पार

विंध्य की चारों सीटों को अगर कांग्रेस के नजरिए से देखा जाए तो यहां पर सभी नए चेहरे उतारे गए थे, लेकिन कोई भी पार्टी की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका.कांग्रेस के पास खुश होने के लिए एक मात्र विकल्प यही है कि सभी सीटों पर जीत-हार का अंतर कम हुआ है.बांकी 2019 जैसी ही स्थिति यहां रही. कांग्रेस ने सतना से विधायक सिद्धार्थ को उतरा, रीवा से पूर्व विधायक नीमल मिश्रा, सीधी से पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल और शहडोल से फुंदेलाल मार्को को अपना उम्मीदवार बनाया था जो विशेष असर नहीं दिखा पाए.
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