MP NEWS: भारतीय जनता पार्टी ने लंबे इंतजार के बाद सतना जिले के मंडल अध्यक्षों की सूची जारी की लेकिन उसमें भी बवाल शुरू हो गया. सतना विधानसभा क्षेत्र के बाबूपुर मंडल से एक ऐसे चेहरे को अध्यक्ष बना दिया गया जिससे स्थानीय लोग अनजान हैं. ऐसे में तमाम कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय पहुंचकर अपना इस्तीफा सौंप दिया.
भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि जो व्यक्ति कभी बाबूपुर में दिखा ही नहीं, यहां रहता भी नहीं उसे पार्टी ने किस आधार पर मंडल अध्यक्ष बना दिया यह समझ के परे है. ज्ञात हो कि भारतीय जनता पार्टी के चुनाव प्रभारी द्वारा बाबूपुर मंडल का अध्यक्ष अग्निवेश शुक्ला को बनाया गया है. उन पर पार्टी के कार्यकर्ता आरोप लगा रहे हैं कि वह दूसरे जिले में रहकर नौकरी कर रहे हैं. यहां उल्लेखनीय यह भी है कि भाजपा ने मंडल अध्यक्षों की उम्र की सीमा (35-45 )तय कर रखी है. वाबजूद इसके तमाम मंडलों में आयु सीमा को तोड़कर अध्यक्ष बनाया गया है. कुछ ऐसे लोगों को भी मंडल अध्यक्ष की जिम्मेदारी की दी गई है, जिन पर हाल ही में मुकदमे भी पंजीबद्ध हुए हैं.
इस्तीफा लेकर पहुंचे कार्यकर्ता
सतना विधानसभा के बाबूपुर मंडल में आने वाले गांव के भाजपा कार्यकर्ता बुधवार की दोपहर भारतीय जनता पार्टी कार्यालय भरहुत नगर पहुंचे और जिला अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपा. हालांकि अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकार होने की जानकारी सामने नहीं आई है. माना जा रहा है कि इस विरोध प्रदर्शन के बाद भारतीय जनता पार्टी मंडल अध्यक्ष के चेहरे पर बदलाव कर सकती है.
सज्जनपुर मंडल अध्यक्ष की उम्र पर विवाद
विधानसभा रामपुर बाघेलान के सज्जनपुर मंडल अध्यक्ष बनाए गए मृगेंद्र सिंह परिहार का दूसरा कार्यकाल पूर्ण हो चुका है और वर्तमान में इनकी उम्र 47 वर्ष पूर्ण हो चुकी है. ऐसे में गाइड लाइन के अनुसार इनको तीसरा अवसर नहीं दिया जाना चाहिए था. इस नाम को लेकर भी भारी विरोध शुरू है, हालांकि अभी तक पार्टी कार्यालय में विरोध की खबर नहीं पहुंची है.
कोठी मंडल अध्यक्ष पर हाल ही में लगे थे मारपीट और लूट के आरोप
रैगांव विधानसभा क्षेत्र के कोठी मंडल अध्यक्ष अजय द्विवेदी पर मारपीट और लूट के आरोप लगाए गए थे. जैतवारा थाने में एफआईआर भी होने की खबर है. बताया जाता है कि अजय द्विवेदी ग्राम पंचायत नदना के सरपंच हैं जिन्होंने पिछले दिनों अपने साथियों के साथ मिलकर एक युवक और उसके परिवार के साथ मारपीट करते हुए रुपए तथा गहने छीन लिए थे. इस मामले में पुलिस के द्वारा सिर्फ मारपीट की धाराओं में केस रजिस्टर्ड किया गया था जिसकी पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक से भी शिकायत की थी.
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