Vidisha Assembly Seat: अपने खोये हुए किले को BJP ने फिर किया हासिल, शिवराज की उम्मीदों पर खरा उतरे टंडन

2018 में विदिशा सीट से हारने के बाद इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपना किला वापस छीन लिया है. बीजेपी प्रत्याशी मुकेश टंडन ने कांग्रेस प्रत्याशी शशांक भार्गव को बड़े अंतर से हरा कर एक बार फिर सीएम शिवराज का भरोसा जीत लिया है.

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इस बार के चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी मुकेश टंडन ने कांग्रेस प्रत्याशी शशांक भार्गव को 26810 मतों से हराया है.

Vidisha Assembly Seat Result: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के नतीजों में इस बार बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है. इस बहुमत में बीजेपी के गढ़ कहे जाने वाले विदिशा (Vidisha) का अहम योगदान है. वैसे तो विदिशा विधानसभा सीट (Vidisha Assembly Constituency) में पहली बार 2018 में कांग्रेस ने सेंध लगाई थी, लेकिन इस बार के चुनाव में फिर से बीजेपी ने वापसी करते हुए अपने किले को वापस छीन लिया है. बीजेपी प्रत्याशी मुकेश टंडन (BJP Candidate Mukesh Tandan) ने कांग्रेस प्रत्याशी शशांक भार्गव (Congress Candidate Shashank Bhargava) को 26,810 वोटों से हराकर जीत हासिल की. विदिशा की मतदाताओं ने मुकेश टंडन को 99,246 मत दिए, जबकि शशांक भार्गव को 72,436 मत दिए.

प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीट है विदिशा

मध्य प्रदेश की वीआईपी सीटों में शुमार विदिशा विधानसभा हाई प्रोफाइल सीट मानी जाती है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि विदिशा, बीजेपी का अभेद किला रहा है, वहीं विदिशा को सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान का दूसरा गढ़ भी माना जाता है. विदिशा सीट से कई बड़े दिग्गज चुनाव लड़कर सत्ता में काबिज हो चुके हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) खुद यहां से पांच बार सांसद रह चुके हैं. यही वजह है विदिशा जिले में सियासत हो या टिकट का बंटवारा सब कुछ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इर्द-गिर्द ही घूमता है. 

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मुकेश टंडन के टिकट के लिए अड़े रहे शिवराज

इस बार के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश की तमाम सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों के टिकट जारी कर दिए थे, लेकिन प्रदेश की गुना और विदिशा सीट को लेकर लगातार मंथन का दौर जारी था. इस दौरान विदिशा विधानसभा से कई बड़े नाम सामने आए लेकिन ये बात सियासी गलियारों में चर्चा में रही कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेहद करीबी माने जाने वाले मुकेश टंडन के नाम पर सीएम शिवराज अंत तक अड़े रहे. जिसका नतीजा यह रहा कि अंत में शिवराज के अनुसार ही विदिशा जिले के टिकट जारी किए गए. कहा जाता है कि शिवराज सिंह चौहान ने इस क्षेत्र में अलग से सर्वे कराया गया, जिसमें सबसे मजबूत उम्मीदवार मुकेश टंडन निकलकर आए थे, इसलिए शिवराज सिंह चौहान विदिशा जिले के मामले में कोई रिस्क नहीं लेना चाहते थे.

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2018 में पहली बार बीजेपी के किले में लगी थी सेंध

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में पहली बार बीजेपी के अभेद किले में कांग्रेस ने सेंध लगाकर अपना परचम लहराया था. बीजेपी से उम्मीदवार मुकेश टंडन को कांग्रेस प्रत्याशी शशांक भार्गव ने हरा दिया था. भार्गव पूरे विदिशा जिले में कांग्रेस के इकलौते विधायक चुनकर आए थे. 2018 में बीजेपी ने पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मुकेश टंडन को अपना उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारा था. उन्हें 64,878 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी शशांक भार्गव 80,332 वोट पाकर 15,454 वोटों से जीत गए थे.

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