MP Politics: मध्य प्रदेश के ये सफेदपोश हैं 'दाग़दार', क्या बरकरार रह पाएगी साख और कुर्सी ?

Corruption Charges: मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के कई दिग्गज इन दिनों कानून विवादों में फंसे हुए हैं. इन सभी के खिलाफ मामला एमपी/एमएलए कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक में विचाराधीन है. ऐसे में इन माननीयों पर उनकी सदस्यता जाने का खतरा मंडरा रहा है. जानिए, किस नेता के खिलाफ कौन से मामले लंबित हैं.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins

Madhya Pradesh Political leader's Crysis: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh ) में इन दिनों आधा दर्जन से ज्यादा माननीय रहेंगे या नहीं ये सवाल अदालत के कटघरे में है. दरअसल, यहां भ्रष्टाचार (Corruption) , जाति प्रमाण पत्र (Fake Caste Certificate) में गड़बड़ी, चुनावी हलफनामे में झूठी जानकारी और अन्य गंभीर आरोपों के चलते कई माननीयों की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है. एमपी-एमएलए कोर्ट (MP/MLA Court) और हाईकोर्ट (MP High Court) में इन मामलों की सुनवाई जैसे-जैसे तेज़ हो रही है. माननीयों की धड़कनें बढ़ती जा रही है.

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार पर भ्रष्टाचार का आरोप

बीजेपी उम्मीदवार सरदार सिंह मेड़ा द्वारा दायर याचिका में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार पर भ्रष्ट आचरण के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. यह मामला हाईकोर्ट में लंबित है, जिसमें उनकी विधायकी को अमान्य घोषित करने की मांग की गई है.

Advertisement

गौतम टेटवाल को जाति प्रमाण पत्र विवाद में हाईकोर्ट का नोटिस

मध्य प्रदेश के कौशल विकास मंत्री गौतम टेटवाल के जाति प्रमाण पत्र का विवाद गहराता जा रहा है. कांग्रेस नेता जितेंद्र कुमार मालवीय ने उनके खिलाफ याचिका दायर की है, जिसके चलते हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव और अन्य संबंधित पक्षों से जवाब मांगा है.

Advertisement

खंडवा विधायक कंचन तनवे पर 50,000 रुपये का जुर्माना

जाति प्रमाण पत्र में गलत जानकारी देने के आरोप में खंडवा विधायक कंचन तनवे पर हाईकोर्ट ने 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. यह याचिका कांग्रेस के कुंदन मालवीय की ओर से दायर की गई थी.

Advertisement

आरिफ मसूद पर बैंक लोन जानकारी छिपाने का आरोप

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद पर चुनावी हलफनामे में बैंक लोन की जानकारी छिपाने का आरोप है. यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है. बीजेपी नेता ध्रुव नारायण सिंह ने उनके खिलाफ याचिका दायर की थी.

आरके दोगने के खिलाफ मानहानि का केस

पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता कमल पटेल ने कांग्रेस विधायक आरके दोगने के खिलाफ मानहानि का मामला दायर कर रखा है. यह केस एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा है.

पूर्व मंत्री ऊषा ठाकुर व कांग्रेस नेता अजय सिंह भी घिरे हैं कानूनी दांवपेच में

बीजेपी की ऊषा ठाकुर और कांग्रेस के अजय सिंह समेत कई नेता कानूनी विवादों में उलझे हैं. इनके खिलाफ मामले मुख्यतः चुनावी गड़बड़ियों और हलफनामों में जानकारी छुपाने से संबंधित है.

बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर लगा रहे हैं आरोप

दरअसल, सूबे में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कानूनी मुद्दों को लेकर सियासी आरोप-प्रत्यारोप भी तेज़ हो गए हैं. कांग्रेस मीडिया सेल के अध्यक्ष मुकेश नायक का कहना है कि याचिकाएं कोर्ट में लगी हैं, कोर्ट न्याय करेगा. इसके साथ ही वह बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहते हैं कि बीजेपी हर आदमी पर दबाव बना रही है, ताकि उन्हें डंप कर दिया जाए. बीजेपी विपक्ष नहीं चाहती, इसलिए ऐसा कर रही है. वहीं, बीजेपी प्रवक्ता राजपाल सिसोदिया ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेता चुनावी हलफनामों में झूठी जानकारी देते हैं और अदालत में मामला हारने के डर से ऐसे हथकंडे अपनाते हैं.

एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई में तेजी

जानकारों के मुताबिक, एमपी एमएलए कोर्ट में इन मामलों की सुनवाई तेज़ी से हो रही है. जिला अभियोजन अधिकारी राजेंद्र उपाध्याय ने कहा कि जनप्रतिनिधि अधिनियम के तहत सजा के कड़े प्रावधान हैं. यदि किसी स्तर पर गड़बड़ी साबित होती है, तो दोषी नेता को सजा मिलती है.

ये भी पढ़ें- MP में अपनी ही सरकार के खिलाफ हुई BJP ! कांग्रेस के साथ पदयात्रा निकालने पर बड़ा एक्शन

मध्य प्रदेश में नेताओं की साख और कुर्सी पर अदालतों के फैसले का बड़ा असर पड़ सकता है. कानूनी शिकंजे में फंसे इन नेताओं के खिलाफ आरोप साबित होते हैं या नहीं, यह देखने वाली बात होगी. लेकिन, जनप्रतिनिधि अधिनियम के तहत इन मामलों का निपटारा जल्द होने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें- 10वीं-12वीं प्री-बोर्ड पेपर लीक के खुलासे के बाद भी नहीं जागा प्रशासन, DEO ने बताया सामान्य बात

Topics mentioned in this article