BJP Candidate List: राजनेतिक पन्नों में मध्य प्रदेश के विदिशा रायसेन संसदीय सीट की अपनी एक अहम भूमिका रही है. प्रदेश की राजनीति हो, या देश की, विदिशा लोकसभा सीट हमेशा ही हाईप्रोफाइल सीट के तौर पर शुमार होती है. राजनीति के साथ-साथ विदिशा का प्राचीन काल से ही अपना एक अलग महत्व रहा है. सांची के बौद्ध स्तूप और उदयगिरि जैसे विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के कारण भी विदिशा संसदीय सीट दुनिया भर में अपनी एक पहचान रखती है.
ये दिग्गज भी विदिशा से लड़ चुके हैं चुनाव
भाजपा के लिए यह सीट बहुत ही खास है. भाजपा के लिए देशभर की सबसे सेफ सीटों में अगर किसी का नाम आता है, तो वह विदिशा है. विदिशा संसदीय सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता है. यही कारण है इस सीट से भाजपा के कई दिग्गज नेताओं ने चुनाव लड़कर न सिर्फ बड़ी जीत हासिल की, बल्कि देश की सत्ता के शिखर तक भी पहुंचे. इसके बाद देखते ही देखते विदिशा संसदीय सीट हाई प्रोफाइल सीटों में गिनी जाने लगी. यहां से रामनाथ गोयनका, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सांसद रह चुके हैं. खुद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यहां से 5 बार सांसद रह चुके हैं.
सेफ सीट से शिवराज को फिर मिला मौका
विधानसभा चुनाव के बाद साइडलाइन किए जाने की अटकलों के बीच भाजपा के गढ़ माने जाने वाले विदिशा से इस बार पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर पार्टी ने फिर से भरोसा जताया है. जैसे ही विदिशा लोकसभा सीट से शिवराज सिंह चौहान के नाम की घोषणा हुई, तो विदिशा रायसेन जिले में जश्न का माहौल हो गया. संसदीय क्षेत्र के कोने-कोने में शिवराज समर्थकों ने जमकर जश्न मनाया. रोड पर शिवराज के समर्थन में जमकर नारेबाजी की गई. इस मौके पर कार्यकर्ताओं ने जमकर आतिशबाजी भी की.
क्या लोकसभा के बाद बढ़ेगा शिवराज का कद
विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शिवराज के नेतृत्व में जीत दर्ज करने के बाद भी मोहन यादव की सरकार बनाने के बाद शिवराज सिंह चौहान और उनके समर्थकों में हताशा का माहौल था. शिवराज सिंह चौहान के साथ उनके समर्थक भी मन मारकर काम करते दिखाई दे रहे थे, लेकिन लोकसभा चुनाव में शिवराज के मैदान में आने से एक बार फिर से सभी समर्थको में जबरदस्त जोश देखा जा रहा है. वहीं, राजनीति के जानकारों की मानें, तो लोकसभा चुनाव के बाद शिवराज को मोदी के साथ काम करने का एक अवसर मिल सकता है, जिससे विदिशा के लोगों को बड़ा फायदा पहुंचेगा. शिवराज सिंह चौहान जमीनी नेता कहे जाते हैं. ऐसे में उनके क्षेत्र की आवाज दिल्ली में वो अच्छे से उठा सकेंगे.