Birhiyan Lok Utsav: दिवाली से पहले ही कोल समुदाय में उल्लास, मनाया गया बिरहिंया लोक उत्सव 

Adivasi Special Festival: उमरिया जिले के आदिवासी कोल समुदाय के लोगों ने दिवाली से पहले बिरहिंया लोक उत्सव मनाया. 

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
मांदर और टिमकी की थाप पर झुूमते आदिवासी

MP Birhiyan Lok Utsav: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उमरिया (Umaria) जिले में दिवाली (Diwali 2024) के पहले आदिवासी कोल समुदाय (Aadivasi Kol Community) के लोगों द्वारा बिरहिंया लोक उत्सव (Birhiyan Lok Utsav) मनाया जाता है. इस उत्सव में मांदर और टिमकी की थाप पर आदिवासी कोल समाज के कलाकारों द्वारा आदिवासी गाने के साथ नृत्य भी किया जाता है. इस पर्व में गौरा-पार्वती की पूजा अर्चना करते हैं, जिससे उन्हें प्रसन्न कर धन धान्य की कामना भी की जाती है.  

महिलाएं मना रही बिरहिंया लोक उत्सव

कई साल पुरानी है मान्यता

उमरिया जिले में आदिवासी संस्कृति का स्थानीय लोक पर्व बिरहिंया की गूंज घर-घर में सुनाई दे रही है. जनजातीय समुदाय के कोल समाज में दिवाली के पहले यह उत्सव मनाया जाता है. चंदिया सहित आसपास के कोल समाज के द्वारा शरद पूर्णिमासी को बिरहिंया बोये जाते हैं. माता गौरा पार्वती को प्रसन्न करने के लिए बिरहिंया गीत के साथ नृत्य किया जाता है. आदिवासी परंपरा के अनुसार, कुंवारी कन्याएं विशेष रूप से व्रत रखकर इसमें हिस्सा लेती हैं.

ये भी पढ़ें :- Chitrakoot: अयोध्या की तरह होगा चित्रकूट का श्रृंगार, जहां भगवान राम ने बिताए थे वनवास के साढे़ 11 साल

क्या है मान्यता

आदिवासी गीत और नृत्य के दौरान पारंपरिक वेशभूषा में कलश लेकर मांदर और टिमकी की थाप पर हर रात उत्सव मनाया जाता है. समाज के प्रबुद्ध लोग बताते हैं कि जनजातीय कोल समाज में यह पर्व दीपावली के पहले माता गौरा को प्रसन्न कर घरों में खुशहाली लाने के लिए मनाया जाता है, ताकि उनके खेतों में अच्छी फसल हो. साथ ही, घरों में व्रतधारी कुंवारी युवतियों पर माता पार्वती की कृपा होने से मनवांछित वर की प्राप्ति हो.

Advertisement

ये भी पढ़ें :- Diwali 2024: सीएम डॉ. मोहन यादव ने दी दिवाली की बधाई, कहा-Vocal for Local को करें प्रमोट