Rust in Tricycles: बेसहारों के सहारे में घोटाला! पहले धूप और अब बारिश में खराब हो रही हैं ट्राई साइकिलें

Negligence: ग्वालियर जिले की सभी तहसील एवं शहरी क्षेत्र के चिन्हित दिव्यांगजनों को ये ट्राईसाइकिल वितरित की जानी थीं. लेकिन आज तक यह वितरित नहीं की गईं. समाजिक न्याय विभाग का दायित्व था कि तहसील क्षेत्रों के दिव्यांगजनों को तहसीलों पर भेज कर दिव्यांगजनों को फोन करके बंटवाते लेकिन किसी ने ऐसा नहीं किया. इन्हे न ग्रामीण क्षेत्रो में बाँटा गया और न  ग्वालियर शहरी क्षेत्रों के दिव्यांगजनो को. इनको छात्रावास में शो पीस बनाकर रख दिया गया.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
Rust in Tricycles: ट्राईसाइकिल में जंग

Rust in Tricycles: एक तरफ सरकार दिव्यांगों को सुविधाएं देने पर काफी धनराशि खर्च कर रही. उन्हें आवागामन में दिक्क़त न हो इसलिए उन्हें ट्राई सायकिल देने की योजना चला रही है. वहीं अफसर उस योजना को न केवल पलीता लगा रहे हैं बल्कि सरकार के पैसे को बर्वाद करने में भी लगे हैं. ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला ग्वालियर से सामने आया है, जहां लाखों रुपये कीमत की सैकड़ों ट्राई साइकिल दिव्यांगों को देने की जगह खुले मैदान में डाल दी गई हैं और वह न केवल वे खराब हो रही हैं बल्कि उनका सामान भी चोरी हो रहा है. आइए जानते है पूरी खबर.

Rust in Tricycles: खराब हो रहीं ट्राईसाइकिल

क्या है मामला?

ग्वालियर के हुरावली मे स्थित दिव्यांग छात्रावास के मैदान मे धूप और बरसात मे खुले में पड़ी ट्राई साईकिलों की कीमत लाखों में हैं. जिले के दिव्यांगों को बांटने के लिए ये आयी थीं, ताकि वे सुचारु रूप से अपना आवागामन कर मुख्य धारा से जुड़ सकें, लेकिन अफसरशाही की लापरवाही के चलते ये लम्बे अरसे से इस मैदान मे पड़ी हैं. जहां धूप में इनका रंग उड़ गया और बरसात में इनमे जंग लगने लगी. ऐसी ही अनेक गाड़ियां हॉस्टल की गैलरी मे भी पड़ी-पड़ी सड़ रही हैं. तमाम शिकायतों के बावजूद इनका दिव्यांगों को वितरण नहीं किया गया. 

Advertisement
दिव्यांग कल्याण संस्था के संयोजक अनूप जोहरी कहते हैं कि सत्तर से अस्सी ट्राई साईकिले हुरावली स्थित मूक बधिर छात्रावास के बाहर बने ग्राउंड में सड़ रही हैं और इनमे से चेन एवं चेन फ्रायबिल तक चोरी हो रहे हें. इसके अलावा छात्रावास के अंदर बने किचन के सामने खुले आसमान में लगभग बीस से पच्चीस ट्राइसाइकल बरसात में सड़ाने के लिए पड़ी हैं, जिनमें जंग लगने लगी है.

उनका कहना है कि यह सब सामान 2024 में समाजिक न्याय विभाग द्वारा ग्वालियर जिले में आयोजित किए गए शिविरों में जरुरतमंद दिव्यांगजनों को चिन्हित कर भारत सरकार का उपक्रम एलिम्को कंपनी जबलपुर से मंगाकर बांटने के लिए आया था.

Advertisement

Rust in Tricycles: कबाड़ हो रहीं ट्राईसाइकिल

ग्वालियर जिले की सभी तहसील एवं शहरी क्षेत्र के चिन्हित दिव्यांगजनों को ये ट्राईसाइकिल वितरित की जानी थीं. लेकिन आज तक यह वितरित नहीं की गईं. समाजिक न्याय विभाग का दायित्व था कि तहसील क्षेत्रों के दिव्यांगजनों को तहसीलों पर भेज कर दिव्यांगजनों को फोन करके बंटवाते लेकिन किसी ने ऐसा नहीं किया. इन्हे न ग्रामीण क्षेत्रो में बाँटा गया और न  ग्वालियर शहरी क्षेत्रों के दिव्यांगजनो को. इनको छात्रावास में शो पीस बनाकर रख दिया गया.

Advertisement

सरकार का जवाब क्या है?

उधर प्रदेश के सामाजिक न्याय मंत्री नारायण सिंह कुशवाह इसका गोलमोल जवाब देते हैं. उनका कहना है कि मेरे पास या विभाग के पास ज़ब भी कोई जरूरतमंद दिव्यांग आता है और आवेदन करता है तो उसे तत्काल ट्राई साइकिल भेंट की जाती हैं. यह गाड़ियां भी वहां इसीलिए रखी हैं. अगर इनको ठीक से नहीं रखा गया है, तो इसकी जांच करवाकर इन्हें सही से रखवा देंगे. लेकिन मंत्री जी ये तो बताइये कि लाखों की कीमत वाली यह गाड़ियां लापरवाही के कारण कंडम हो गईं. जिससे सैकड़ो दिव्यांग चल सकते थे, लेकिन अब ये कबाड़ में बदल रही हैं. इसके जिम्मेदारों की तलाश कर उन्हें दण्डित करने का काम कब होगा?

यह भी पढ़ें : CM मोहन यादव ने लाडली बहनों को दी सौगात, 26वीं किस्त जारी, गैस सिलेंडर के पैसे भी खाते में ट्रांसफर

यह भी पढ़ें : SRIMSR: सीबीआई की FIR के बाद मान्यता पर तलवार! Zero ईयर घोषित हो सकता है रावतपुरा मेडिकल कॉलेज का ये सत्र

यह भी पढ़ें : Aqua Park का भूमिपूजन; मछली घर से एक्वा पार्क तक का सफर, जानिए अत्याधुनिक सेटअप में क्या कुछ होगा?

यह भी पढ़ें : Maratha Military Landscape: यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में मराठा मिलिट्री लैंडस्केप; क्यों खास हैं ये किले