MP News: एक पत्र से उड़ गई वन विभाग के अफसरों की नींद, बड़ी लापरवाही हो गई उजागर

MP Forest Department Negligence : मध्य प्रदेश वन विभाग के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही उजागर हो गई. जानें क्यों महालेखाकार के आपत्ति लेने और पत्र के बाद वन विभाग की नींद उड़ गई.

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MP Forest Department News: मध्यप्रदेश में वन विभाग के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है.वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों ने बजट खर्च करने में वित्तीय नियमों का पालन नहीं किया, जिसके चलते मजदूरी और खरीदी का बजट दूसरे कामों में खर्च कर दिया गया. इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब अकाउंटेंट जनरल ने ऑडिट आपत्ति ली.महालेखाकार के आपत्ति लेने और पत्र के बाद अब वन विभाग की नींद खुली है.

 अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वित्त/बजट की तरफ से 

वन विभाग के सभी आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को निगरानी के निर्देश दिए गए हैं. अकाउंटेंट जनरल के द्वारा गड़बड़ी पकड़े जाने के बाद अब अधिकारियों को हिदायत दी गई, हिदायत गई है, और यह कहा गया है कि जिस मद का फंड है, उसे उसी मद में ही खर्च किया जाए.

बजट शाखा से जारी पत्र में यह कहा गया कि विभाग द्वारा अलग- अलग मदों में आवंटित राशि का कुछ निकाली और  अधिकारियों द्वारा व्यव के दौरान वित्तीय नियमों का पालन नहीं किया जाता है, जिसके कारण महालेखाकार मध्यप्रदेश आडिट आपत्तियां लेता है.नए-नए आडिट पैरा अस्तित्व में आते हैं, जो ठीक नहीं है.

इन बिंदुओं पर की जाएगी निगरानी

बजट जिस मद हेतु आवंटित किया जा रहा है उसी मद में उसका उपयोग हो रहा है या नहीं ? 
सामग्री कय में भण्डार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियम 2015 का पालन किया जा रहा है या नहीं ?
मजदूरों के मद की राशि का व्यय मजदूरी के लिए ही किया जाए
मजदूरों के मद की राशि किसी अन्य कार्य में व्यय न किया जाए

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नियमों का पालन नहीं किया

निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया. इसके साथ ही यह भी कहा गया कि नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है, तो जिस स्तर पर यह लापरवाही बरती गई है,उसकी जानकारी मुख्यालय को दी जाए, जिससे संबंधित कर्मचारी पर कार्रवाई की जा सके.

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