BJP को बड़ा झटका : प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुभाष शर्मा ने दिया इस्तीफा, AAP में हो सकते हैं शामिल

मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने कई सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है, इसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ रहा है. हाल ही में बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं ने टिकट न मिलने के कारण पार्टी छोड़ी है.

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2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान सुभाष शर्मा कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में आए थे.
सतना:

Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश भाजपा (MP BJP) कार्यसमिति के सदस्य सुभाष शर्मा डोली ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. इसके साथ ही उनके समर्थन में सरपंच संघ के पूर्व उपाध्यक्ष और भाजपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के सदस्य रामेश्वर सेन ने भी पार्टी छोड़ दी है. बताया जा रहा है कि सुभाष शर्मा चित्रकूट विधानसभा सीट (Chitrakoot Seat) से सुरेन्द्र सिंह गहरवार को प्रत्याशी (BJP Candidate) बनाए जाने से नाराज चल रहे थे. इसके बाद भी किसी सीनियर नेता ने उन्हें मनाने की कोशिश नहीं की. जिसका नतीजा यह हुआ कि उन्होंने भाजपा के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता का त्याग पत्र प्रदेश अध्यक्ष को सौंप दिया.

मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election 2023) के मद्देनजर बीजेपी ने कई सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान (BJP Candidate List) कर दिया है, इसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ रहा है. हाल ही में बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं ने टिकट न मिलने के कारण पार्टी छोड़ी है.

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आम आदमी पार्टी में शामिल हो सकते हैं सुभाष शर्मा

सुभाष शर्मा डोली (Subhash Sharma BJP) छात्रनेता रहे हैं, वे शुरुआत में कांग्रेस (Congress) से जुड़े थे. 2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और बीजेपी में चले गए. अब दस साल बाद उन्होंने बीजेपी छोड़ दी ऐसे में सवाल उठता है कि अब वे कहां जाएंगे? सूत्रों के अनुसार, वे आम आदमी पार्टी (AAP) के संपर्क में हैं, इसी पार्टी के टिकट पर चित्रकूट से चुनाव लड़ेंगे. यदि ऐसा हुआ तो चित्रकूट का चुनाव बेहद दिलचस्प हो सकता है. सुभाष के मैदान में उतरने से यहां त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है.

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भाजपा प्रत्याशी को लेकर जनता में आक्रोश

सुभाष शर्मा ने प्रदेश अध्यक्ष को सौंपे त्यागपत्र में यह स्पष्ट किया है कि वे कई दिनों से चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में चौपाल कर रहे हैं. इस दौरान लोगों में भाजपा प्रत्याशी को लेकर आक्रोश देखने को मिल रहा है. सुरेन्द्र सिंह गहरवार दो बार चुनाव हार चुके हैं, इसके बाद भी भाजपा ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है. उन्होंने कहा कि सुरेन्द्र सिंह गहरवार की टिकट घोषित होने के बाद से ही तमाम लोग पार्टी के कार्यक्रमों में सक्रियता नहीं दिखा रहे हैं.

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