Bhopal Vidisha Highway: भोपाल-विदिशा रोड (स्टेट हाईवे 18) पर सोमवार को एक बड़ा हादसा टल गया. सूखी सेवनिया आरओबी के एक तरफ भोपाल ईस्टर्न बायपास का हिस्सा करीब 50 मीटर (164 फीट) लंबी सड़क अचानक धंस गया. सड़क धंसने से करीब 20 फीट (6 मीटर) गहरा गड्ढा बन गया, जिससे इस रास्ते से गुजरने वाले वाहनों के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया. गनीमत रही कि हादसे के समय वहां कोई वाहन या व्यक्ति मौजूद नहीं था, वरना बड़ी जनहानि हो सकती थी. राजधानी में पिछले कुछ महीनों से लगातार सड़क धंसने की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे लोगों में चिंता बढ़ती जा रही है.
खतरे के बावजूद देर से हुई हुई बैरिकेडिंग
घटना के बाद भी प्रशासनिक लापरवाही साफ दिखाई दी. इतनी बड़ी दुर्घटना के बावजूद काफी देर तक मौके पर सुरक्षा के लिए कोई उचित इंतजाम नहीं किया गया. हैवी ट्रैफिक वाले इस मार्ग पर सिर्फ एक पुलिसकर्मी व्यवस्था संभालता नजर आया, जबकि इलाके में किसी तरह की बेरिकेडिंग तक नहीं की गई थी. हालांकि बाद में मप्र सड़क विकास निगम के अधिकारी व स्थानीय प्रशासन के अधिकारी घटना स्थल पर पहुंच गए हैं. साथ ही क्षतिग्रस्त पूरे इलाके को बैरिकेड कर दिया गया है ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना ना हो.
स्थानीय लोगों का कहना है कि बार-बार चेतावनी के बावजूद संबंधित विभागों ने सड़कों की मरम्मत और जांच पर ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते ऐसे हादसे बार-बार हो रहे हैं. लोगों ने प्रशासन से तुरंत मरम्मत कार्य शुरू करने और सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने की मांग की है.
मरम्मत का काम शुरू
फिलहाल सड़क धंसने के कारणों की जांच पड़ताल के साथ ही मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है. एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने बताया कि ये सड़क वर्ष 2013 में मेसर्स ट्रॉन्सट्राय प्रालि द्वारा बीओटी मॉडल में बनाई गई थी, मेसर्स ट्रॉन्सट्राय प्रालि द्वारा अनुबंध की शर्तों का पालन ना किए जाने के कारण वर्ष 2020 में कंपनी का अनुबंध भी निरस्त कर दिया गया था.
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एमपीआरडीसी ने लिया एक्शन
एमपीआरडीसी ने एक्शन लेते हुए चीफ इंजीनियर बीएस मीणा, जीएम मनोज गुप्ता व जीएम आरएस चंदेल की अध्यक्षता में एक जांच टीम गठित की है, जो कि आर-ईव वॉल के धंसने के कारणों का पता लगाकर शीघ्र अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी. जिसके आधार पर शासन इस मामले में जरूरी कार्यवाही करेगा. वहीं मामले को गंभीरता से लेते हुए मप्र सड़क विकास निगम के प्रबंध संचालक ने कहा है कि जांच रिपोर्ट में अगर कोई लापरवाही या अनियमितता सामने आती है, तो जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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