भोपाल में आवारा कुत्तों के काटने से भयंकर हालात, बच्चों समेत कई लोगों की जान पर मंडरा रहा खतरा !

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्ट्रीट डॉग्स का आंतक दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है. कुछ दिनों पहले ही भोपाल के अयोध्या नगर क्षेत्र में मजदूरी करने आए परिवार के सात महीने के बच्चे को कुत्तों ने नोच-नोचकर मार डाला था. वहीं, जब मामले को लेकर नगर निगम से बात की गई तो वे पेट लवर्स पर इसका ठीकरा फोड़ते नजर आए.

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Dog Attacks: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में लगातार आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है. पिछले दिनों इसी तरह का मामला सामने आया था जहां पर कुत्तों के काटने से एक बच्चे की मौत हो गई. बता दें कि राजधानी भोपाल का यह कोई पहला मामला नहीं हैं. आवारा कुत्तों की वजह से अब तक कई मासूमों की जान जा चुकी है. राजधानी भोपाल से सालभर में कुत्तों के काटने के 21000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. बीते 5 सालों में आवारा कुत्तों ने 5 मासूमों की जान ले ली है. भोपाल में आवारा कुत्तों का आतंक इस कदर हावी है कि दर्जनों लोग अस्पतालों में रेबीज के इंजेक्शन लगवाने के लिए कतारों में लगे हैं. हाल ही में एक बच्ची (मनु) इन आवारा कुत्तों का शिकार हो गई. मनु के हाथ और कमर पर आवार कुत्तों ने काट लिया जिसके बाद बच्ची रोते-रोते अस्पताल पहुंची है. 

भोपाल में कुत्तों के जानलेवा हमले

लोग अस्पतालों में लगवा रहे रेबीज इंजेक्शन 

भोपाल में रोज़ाना कुत्तों के काटने के औसतन 55 मामले अस्पतालों में पहुंच रहे हैं, आलम ये है कि बच्चे खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं. मासूमों के माता पिता को डर सताता है. अगर पुराने आकंड़ों पर नजर डालें तो, साल 2018 में कुत्तों के काटने से एक मासूम ने दम तोड़ दिया था. उसी साल मई में एक और बच्चे (संजू) को भी कुत्तों ने मौत के घाट उतार दिया था. 2019 में तो एक नवजात बच्चे को कुत्तों ने नोच-नोच कर मौत की नींद सुला दिया था. इसी तरह 16 जून 2022 में कुत्ते के हमले से एक मासूम बच्चे की मौत हुई थी. 

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नगर निगम और पेट लवर्स आमने-सामने 

दरअसल, नगर निगम अपनी नाकामी का ठीकरा राजधानी के पेट-लवर्स पर फोड़ रहा है. इसी कड़ी में अब तक कुल 10 पेट लवर्स पर कार्रवाई में बाधा बनने के लिए FIR हो चुकी है. अब पूरी लड़ाई पेट-लवर्स और नगर निगम के बीच हो चुकी है लेकिन जनता की सुरक्षा की दोनों ही बात नहीं कर रहे हैं. ये पूरी लड़ाई सिर्फ नगर निगम और पेट लवर की बनके रह गई है जिसका खामियाजा मासूम बच्चों और राजधानी के लोगों को भुगतना पड़ रहा है. ऐसे में अगर आवारा कुत्तों पर कंट्रोल नहीं किया तो हालात और भी बदतर हो सकते हैं. 

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