खबर छापने को लेकर भिंड में पत्रकारों की पिटाई, पुलिस पर लगे गंभीर आरोप; कांग्रेस ने घटना को बताया शर्मनाक

SP Beat UP Journalists In Bhind : मध्य प्रदेश के भिंड जिले से पत्रकारों की पिटाई को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. पत्रकारों ने आरोप लगाया है कि उन्हें एसपी कार्यालय में बंद करके पीटा गया है. इस मामले को लेकर कांग्रेस ने निंदा की है. घटना को शर्मनाक बताया है.

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भिंड (मप्र):

MP News In Hindi : मध्यप्रदेश के भिंड जिले में तीन पत्रकारों ने शनिवार को आरोप लगाया कि पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्यालय के अंदर उनकी पिटाई की गई और उनसे बदसलूकी की गई. पुलिस अधीक्षक ने इन आरोपों को खारिज किया है.पुलिस अधीक्षक असित यादव ने दावा कि पत्रकारों को कोई भड़का रहा है. यूट्यूब चैनल चलाने वाले प्रीतम सिंह राजावत, न्यूज पोर्टल चलाने वाले शशिकांत गोयल और न्यूज चैनल के लिए काम करने वाले अमरकांत चौहान ने जिलाधिकारी को दी शिकायत में आरोप लगाया है कि उन पर एक मई को हमला किया गया था.

राजावत के अनुसार, वह अपने चाचा की सेना से सेवानिवृत्ति के अवसर पर एक कार्यक्रम का निमंत्रण देने के लिए एसपी कार्यालय गए थे.राजावत के अनुसार, एसपी ने उन्हें पुलिस के खिलाफ रिपोर्ट प्रसारित करने के लिए दोषी ठहराया और उनकी पिटाई की गई.

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दुर्व्यवहार और मारपीट करने का आरोप

इसके बाद राजावत ने गोयल को फोन किया. उसके बाद वह भी एसपी के कार्यालय पहुंच गए. गोयल ने दावा किया कि एक सहायक उपनिरीक्षक ने कथित तौर पर उनकी भी पिटाई की.अमरकांत चौहान ने कहा कि एसपी ने उन्हें फोन किया और जब उन्होंने फोन नहीं उठाया तो एक सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) ने उन्हें फोन किया और एसपी के कमरे में बुलाया.

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चौहान ने आरोप लगाया कि जब वह वहां पहुंचे तो उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और उनका मोबाइल फोन छीन लिया गया.आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए पुलिस अधीक्षक यादव ने दावा किया कि तीनों पत्रकारों ने बाद में एक वीडियो में कहा कि उन्होंने भावनाओं में बहकर आरोप लगाए हैं.

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लोकतंत्र की आवाज को दबाने का प्रयास- कांग्रेस नेता

पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘‘मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता कि उन्हें कौन उकसा रहा है.'' राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने इस घटना को शर्मनाक बताया. उन्होंने कहा, ‘‘भिंड में पुलिस द्वारा पत्रकारों की पिटाई, एसपी कार्यालय में क्रूरता व सबूतों को नष्ट किया जाना, ये सब इस बात के प्रमाण हैं कि आज सच बोलना कितना मुश्किल हो गया है.'' कांग्रेस नेता ने कहा कि यह लोकतंत्र की आवाज को दबाने का प्रयास है और भाजपा सरकार को निष्पक्ष जांच करके सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि मध्य प्रदेश में पत्रकारों पर हमले बंद हो सकें. प्रदेश भाजपा प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी मीडिया और उसकी स्वतंत्रता का सम्मान करती है. उन्होंने कहा कि सरकार और पार्टी ने आरोपों का संज्ञान लिया है.

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