Deputy Jailor Sent Jail: भिंड जिला जेल में डिप्टी जेलर रहे डॉ. रमेश कुमार शर्मा को एक स्पेशल कोर्ट ने एक विचाराधीन कैदी को अच्छे आचरण का प्रमाण-पत्र देने के एवज में रिश्वत मांगने के मामले 4 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इतना ही नहीं, कोर्ट ने उप जेल अधीक्षक को 5 हजार रुपए जुर्माने की सजा भी सुनाई है.
रिश्वत मांगने की शिकायत ग्वालियर लोकायुक्त में डिप्टी जेलर को रंगे हाथ पकड़ा था
गौरतलब है डिप्टी जेलर द्वारा अच्छे व्यवहार के लिए रिश्वत मांगने की शिकायत ग्वालियर लोकायुक्त में की गई थी. करीब 9 साल पहले ग्वालियर लोकायुक्त ने जेल परिसर के अंदरअपने आवास पर डिप्टी जेलर डॉ. रमेश कुमार शर्मा को ढाई हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था, तब लोकायुक्त पुलिस ने कार्यवाही की थी.
गोहद जेल से भिंड जेल में ट्रांसफर हुए कैदी देशराज से डिप्टी जेलर ने मांगी थी रिश्वत
रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016 में गोहद का रहने वाले देशराज सिंह पर धारा 307 के तहत केस दर्ज था, जिसको लेकर गोहद कोर्ट में एक परिवाद पेश किया गया था और कोर्ट ने उसे 7 साल की सजा सुनाई थी. दो महीना गोहद जेल में रहने के बाद उसे भिंड जेल में ट्रांसफर कर दिया गया था.
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अच्छी सुविधा के लिए विचाराधीन कैदी से डिप्टी जेलर ने 50 हजार रुपए मांगे थे
बताया जाता है भिंड जेल में उसे अच्छी सुविधा के लिए विचाराधीन कैदी देशराज सिंह से 50 हजार की डिमांड की गई थी, जिसे देशराज ने जेलर को दिलाए थे. कैदी को अब जेल से रिहा की अपील के लिए जेलर से अच्छे विचाराधीन कैदी का प्रमाण पत्र चाहिए था. कैदी ने उप जेल अधीक्षक से बात की, लेकिन जेलर ने इसके एवज में 3 हजार रुपए की मांग की थी.
डिप्टी जेलर डॉ. रमेश शर्मा को 2500 रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया था
कैदी देशराज ने डिप्टी जेलर द्वारा मांगी गई रिश्वत की शिकायत लोकायुक्त ग्वालियर कार्यालय में कर दी. लोकायुक्त टीम ने 16 दिसंबर 2016 को दोपहर 1:30 बजे जिला जेल परिसर स्थित सरकारी आवास के बाहर उप जेल अधीक्षक डॉ. रमेश शर्मा को 2500 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया.
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24 मई को दोषी ठहराते हुए गिरफ्तारी वारंट भेजा, कोर्ट में पेश होने पर सुनाई सजा
लोकायुक्त ने डॉ. शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं 7, 13(1)(डी) और 13(2) के तहत मामला दर्ज किया गया था. सुनवाई के दौरान डॉ. शर्मा फरार हो गए थे. इसके बाद कोर्ट ने 24 मई 2024 को उन्हें दोषी ठहराते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी किया. बाद में पेश होने पर सजा पर सुनवाई हुई.
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