Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के भिंड जिले में नियमों के विपरीत संचालित हो रहे निजी स्कूल संचालकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव इन दिनों निजी स्कूलों को लेकर काफी सख्त नजर आ रहे हैं. कलेक्टर ने जहां NCERT की जगह प्राइवेट प्रकाशन की बुक खरीदने पर जिले की एक स्कूल की मान्यता खत्म कर दी. वहीं, बगैर मान्यता के स्कूल का संचालन करने वाले एक स्कूल को बंद करने के निर्देश दिए हैं.
एक लाख रुपये का लगा जुर्माना
साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कलेक्टर ने चेतावनी भी दी है कि अगर इसके बाद भी स्कूल संचालित किया जाता है, तो प्रतिदिन 10 हजार रुपए के मान से जुर्माना लगाया जाएगा. जुर्माने की राशि 7 दिन में जमा करने का आदेश दिया है. कलेक्टर ने यह कार्रवाई निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन करने पर की है.
तीन सदस्यीय टीम बनाई गई थी
कलेक्टर की इस कार्रवाई से निजी स्कूल संचालकों में हड़कंप मचा है. दरअसल 3 जुलाई को कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें जामना रोड स्थित स्कूल बगैर मान्यता के संचालित हो रहा है. इसकी जांच के लिए कलेक्टर ने जिला शिक्षा केंद्र की तीन सदस्यीय टीम बनाई गई थी. टीम द्वारा स्कूल का निरीक्षण किया गया. संचालक द्वारा मान्यता संबंधी कागजात दिखाने के लिए कहा गया. लेकिन संचालक द्वारा कागजात उपलब्ध नहीं कराए गए.
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तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश
जांच टीम की इस रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम- 2011 के नियम में मान्यता हेतु प्रावधान एवं निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के धारा 18 (5) के तहत धारा उल्लंघन के कारण संबंधित स्कूल के संचालन को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश किया.बताया गया कि स्कूल की मान्यता न होने के बाद भी निरीक्षण टीम को बोर्ड पर एक जगह कक्षा 1-8 तक की कक्षाएं संचालित होने का उल्लेख मिला था.
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