बैतूल: डॉक्टर की लापरवाही से जच्चा-बच्चा की मौत, झोले में शव रखकर 2 दिन से भूखे-प्यासे भटक रहे परिजन

एमपी के बैतूल में बीते 48 घंटे के दौरान 2 प्रसूता समेत 1 नवजात की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि जच्चा-बच्चा की मौत डॉक्टर की लापरवाही की वजह से हुई है.

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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बैतूल जिले में प्रसुताओं की मौत के मामले थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीते 48 घंटे में 2 प्रसूता समेत 1 नवजात की मौत हो गई. ये मौत डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की वजह से हुई है. दरअसल, दो दिन पहले जिला अस्पताल में एक प्रसूता की मौत की हो गई थी. इसके बाद एक और जच्चा बच्चा की जान चली गई.

2 दिन से मृत शिशु को झोले में लेकर घूम रहे परिजन

हालांकि इस बीच जिला अस्पताल के डाक्टरों का भी अमानवीय चेहरा एक बार फिर सामने आया है. दरअसल, प्रसव के दौरान बच्चे की मौत हो गई. डाक्टरों ने नवजात शिशु को कपड़े में लपेटकर शव को परिजनों को सौंप दिया. जिसे परिजन दो दिनों से झोले में लेकर अस्पताल परिसर में घूमते नजर आ रहे हैं.

जिला अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत

वहीं प्रसव के दो घंटे बाद प्रसूता की भी मौत हो गई है. इस घटना के बाद परिजनों और नागरिकों ने जिला अस्पताल में हंगामा कर दिया है. बता दें कि घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के पहावाड़ी गांव के रहने वाली गर्भवती महिला सुमंत्रा का प्रसव पीड़ा होने पर घोड़ाडोंगरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था. हालांकि डॉक्टरों ने महिला को जिला अस्पताल रेफर कर दिया, जहां जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हो गई है.

प्रसूता के साथ अमानवीय व्यवहार करने का आरोप

परिजनों का आरोप है कि जिला अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ ने समय पर प्रसूता का उचित इलाज नहीं किया. वहीं प्रसूता के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया. इस मामले में परिजनों ने कार्रवाई की मांग की है.

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