Madhya Pradesh Beggars: उज्जैन और इंदौर जिले में भीख देने और मांगने पर बैन लगाने के बाद भिक्षुओं को शहर से बाहर निकाले जाने के चलते वो आसपास के शहरों का रुख कर रहे हैं. वहीं, राजधानी भोपाल को भी भिखारी मुक्त बनाने की कवायद शुरू हो गई है. इसी वजह से बड़वानी जिले में भी भिक्षुओं की संख्या बढ़ रही है. यहां उनके न तो रहने और न ही कहीं ठहरने का इंतजाम है.
सभी या तो फुटपाथ पर या कहीं खाली स्थान पर सो रहे हैं. समाजसेवियों का कहना है कि भिक्षा मांगकर जीवन व्यतीत करने वाले लोगों का दूसरे शहरों की ओर पलायन बढ़ गया है.
जिलों में कई जगहों पर बढ़े भिक्षु
बड़वानी जिले में सुबह 10 बजे जांच पड़ताल की तो पता चला कि जिलामुख्यालय, अंजड, तलवाड़ा डेब सहित अन्य स्थानों पर काफी संख्या में उनकी संख्या बढ़ी है.
उज्जैन और इंदौर में भीख देना या मांगना है बैन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शासन और नगर निगम ने इन भिक्षुओं को इंदौर और उज्जैन में विभिन्न आश्रमों ओर वृद्धाश्रमों में पहुंचाया तो था, जहां से ये खुद निकल आए या सरकार के फरमान जारी करने के बाद बड़वानी सहित आसपास के शहरों का रुख शुरू कर दिया है.
भिक्षुओं के पुनर्वास को लेकर सरकार कोई ठोस नीति नहीं बनाकर, अचानक भिखारियों के भीख मांगने पर रोक और भीख देने वालों को सजा देने की खबरों से समाजसेवी भी चिंतित हैं.
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क्या कह रहे समाजसेवी
समाज सेवी अजीत ने बताया कि जिले में भिक्षुओं की संख्या बढ़ी है, उनके लिए प्रशासन को इंतजाम करने चाहिए. इंदौर और उज्जैन में भिक्षुओं के खिलाफ आंदोलन चलने की वजह से वहां के भिक्षु बड़वानी का रुख कर रहे हैं. उन्होंने प्रशासन और सरकार से उनके लिए इंतजाम करने की बात कही है.
वहीं, एक और समाजसेवी ने बताया कि इंदौर और उज्जैन प्रशासन ने अभियान चलाकर उन्हें बाहर निकाल तो दिया, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं की गई. भिक्षुओं के निकाले जाने की वजह से आसपास के शहरों में संख्या बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि भिक्षुओं के लिए पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए.
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