Barwani: घर से भटक गयी थी मानसिक दिव्यांग महिला, परिवार को देखा तो फूट-फूट कर रो पड़ी

Madhya Pradesh Emotional Story: मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में एक मार्मिक घटना घटी. पिछले दो-तीन दिनों से बिछड़ी महिला को वापस उसका परिवार मिल गया. महिला मानसिक रूप से विक्षिप्त थी. इस नेक काम में पेरालिगल वालेंटियर और समाजसेवी सतीश परिहार ने मुख्य भूमिका निभाई और महिला के परिवार को ढूंढ़ निकाला. महिला भले ही मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं थी, लेकिन परिवार को पहचानती थी.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins

Barwani Emotional Story: मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के अंजड़ में पिछले कुछ दिनों से सड़क पर भटक रही एक मानसिक दिव्यांग महिला आखिरकार अपने परिवार से मिल गई. जब उसने अपने पोतों को देखा, तो फूट-फूट कर रो पड़ी. यह नजारा वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम कर गया.

सड़क पर भटक रही थी मानसिक दिव्यांग महिला

अंजड़ के राजपुर रोड पर एक बुजुर्ग मानसिक दिव्यांग महिला बीते दो-तीन दिनों से सड़क के बीचों-बीच बैठी या सोई हुई नजर आ रही थी. इससे कभी भी हादसे का खतरा बना रहता था. लोग पास जाते तो महिला गाली-गलौज कर पत्थर फेंकने लगती. मामले की सूचना पुलिस और डायल 112 को दी गई, लेकिन कोई ठोस हल नहीं निकला.

ऐसे मिला महिला का पता ठिकाना

इसके बाद पेरालिगल वालेंटियर और समाजसेवी सतीश परिहार आगे आए. उन्होंने धैर्यपूर्वक महिला से संवाद स्थापित किया और उसका नाम-पता जानने की कोशिश की. बातचीत में महिला ने केवल धार जिले के कोणदा गांव का नाम बताया.

इसके बाद सोशल मीडिया की मदद ली गई और आखिरकार महिला के पोते\ विजय और अजय तक खबर पहुंची. जैसे ही उन्हें सूचना मिली वो तुरंत अंजड़ पहुंचे. दादी को देखते ही पोते भावुक हो उठे. वहीं महिला भी फूट-फूट कर रो पड़ी. यह मिलन दृश्य देखकर हर किसी की आंखें भर आई.

Advertisement

पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में जरूरी खानापूर्ति पूरी की गई और देर रात महिला को उसके परिजनों को सौंप दिया गया. पोते अपनी दादी को साथ लेकर गांव की ओर रवाना हुए. इस दौरान पेरालिगल वालेंटियर सतीश परिहार के साथ एएसआई अशोक भदौरिया, हेड कांस्टेबल धिरजा सुल्या, अजरूद्दीन मंसुरी सहित कई लोग मौजूद रहे. सभी ने राहत की सांस ली कि महिला अब सुरक्षित अपने परिवार के पास पहुंच गई है.

ये भी पढ़े: सागर की कांधे वाली काली: 121 सालों से अटूट परंपरा, भक्तों के कंधों पर सवार होकर विसर्जन को जाती हैं मां जगदंबा

Advertisement
Topics mentioned in this article