Most Wanted Naxali Kabir Surredner Balaghat : मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में करीब 35 सालों से लाल आतंक का कलंक है, जो लगभग अब मिट ही गया है. 6 दिसंबर की रात को मध्य प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा सरेंडर हुआ है. एमएमसी जोन के केबी डिवीजन (कान्हा भोरमदेव) के 10 नक्सलियों ने सरेंडर किया, जिसमें 77 लाख रुपए का इनामी कबीर के साथ 10 और नक्सली शामिल हैं. इसमें 4 महिलाएं और 6 पुरुष नक्सली हैं. ये सभी आज रविवार को सीएम मोहन यादव के सामने हथियार डाल देंगे.
दरअसल केंद्र सरकार ने नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने की डेडलाइन मार्च 2026 तय की गई है. जिसके बाद से सुरक्षाबलों की कार्रवाई तेज हो गई. नतीजतन बालाघाट में या तो नक्सलियों का एनकाउंटर हुआ या फिर उन्होंने सरेंडर किया. अब 7 दिसंबर को सीएम के सामने एक कार्यक्रम भी होगा.
फॉरेस्ट गार्ड की मदद से किया सरेंडर
सूत्रों से से मिली जानकारी के मुताबिक नक्सलियों ने एक फॉरेस्ट गार्ड की मदद से सरेंडर किया, जिसके बाद उन्होंने हॉक फोर्स के जवानों से संपर्क किया. फिर उन्हें रात के करीब 11 बजे बालाघाट के रेंज आईजी के बंगले में लाया गया. इसके बाद सभी नक्सलियों को पुलिस लाइन ले जाया गया. जहां पर उनसे पूछताछ की जा रही है और सरेंडर की कागजी कार्रवाई की जा रही है.
बता दें कि केबी डिवीजन का प्रमुख कबीर छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले का रहने वाला है, जो तीन राज्यों का मोस्ट वांटेड था. सूत्र बताते हैं कि नक्सली नवीन, कबीर उर्फ महेंद्र, राकेश, समर उर्फ़ राजू आत्राम, लालसू, शिल्पा, जयशीला, जरीना, सोनी, जानकी, विक्रम नाम के बताए जा रहे हैं. हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने कोई पुष्टि नहीं किया है.
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CM के सामने होगा सरेंडर
अब मध्य प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा सरेंडर सीएम मोहन यादव के सामने होगा. सरेंडर के बाद पुलिस महक में हलचल शुरू हो गई. साथ ही सीएम मोहन यादव का भी आगमन होगा. वहीं कार्यक्रम के दौरान सीएम मोहन यादव को सभी नक्सली हथियार सौंपेंगे और मुख्यधारा में लौटेंगे. वहीं कार्यक्रम की तैयारी के लिए पूरा पुलिस महकमा जुटा हुआ है, खुद एसपी आदित्य मिश्रा इसकी तैयारी करवा रहे है.
सुनीता से हुई शुरुआत कबीर पर अंत
नक्सलवाद के ताबूत में इस आखिरी कील माना जा रहा है. 1 नवंबर को नक्सली सुनीता ओयाम ने सरेंडर किया था. ये पहला मौका था, जब नई समर्पण नीति बनने के बाद पहला सरेंडर था. इसके बाद 19 नवंबर को दुखद खबर भी सामने आई, जिसमें छत्तीसगढ़ के कुर्रेझर के जंगलों में एक ऑपरेशन के दौरान हॉक फोर्स में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात आशीष शर्मा की शहादत हुई थी. फिर जीआरबी डिवीजन के 11 नक्सलियों ने पड़ोसी राज्य गोंदिया में सरेंडर किया. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के बरकट्टा में बालाघाट में सक्रिय नक्सली दंपत्ति धनुष और उसकी पत्नी ने सरेंडर किया.
इस साल सुरक्षा बलों ने बालाघाट में 2350 से ज्यादा एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाए, जिसका परिणाम ये रहा कि एमएमसी जोन के 8 नक्सली मारे गए और दो दर्जन से ज्यादा नक्सलियों ने सरेंडर किया है. ऐसे में ये नक्सलवाद की ताबूत में आखिरी कील माना जा रहा है.
अब रामधेर की तलाश जारी
भले ही नक्सली बड़ी संख्या में मारे गए और सरेंडर किया है लेकिन अब भी माओवादियों के सेंट्रल कमेटी के सदस्य रामधेर की तलाश जारी है. इसके साथ दर्जन भर नक्सली हो सकते हैं. बालाघाट के लांजी में माहिर खुदरा जो छत्तीसगढ़ की सीमा पर शनिवार को पुलिस और नक्सलियों के बीच में मुठभेड़ हुई थी और देर रात में बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है.