Balaghat MLA Anubha Munjare vs DFO Neha Srivastava: मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले से कांग्रेस विधायक अनुभा मुंजारे को बड़ी राहत मिली है. वन विभाग के डीएफओ पर रिश्वत मांगने के लगाए गए आरोपों के मामले में जांच टीम ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है. टीम ने शासन को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि विधायक के खिलाफ रिश्वत मांगने का कोई सबूत या गवाहों के बयान में पुष्टि नहीं मिली है.
घटना की गंभीरता को देखते हुए शासन ने दो सदस्यीय महिला जांच टीम गठित की थी, जिसमें भोपाल से एसीएफ स्तर की अधिकारी कमोलिका मोहंतो और बैतुल से सीसीएफ वासू कन्नौजिया को शामिल किया गया था. टीम ने 12 सितंबर को बालाघाट पहुंचकर विस्तृत जांच की. इसमें डीएफओ, अरण्य सदन के कर्मचारी, रसोइया, वाहन चालक, विधायक और उनके स्टाफ सहित कई लोगों के बयान दर्ज किए गए.
क्लीन चिट मिलने के बाद विधायक अनुभा मुंजारे ने कहा, “इस रिपोर्ट से दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है. मुझ पर लगाये गए सभी आरोप झूठे और मनगढ़ंत थे. बीजेपी ने एक भ्रष्ट अधिकारी को संरक्षण देकर मुझे बदनाम करने की साजिश रची थी. अब सच्चाई सामने आ गई है. बीजेपी के जो नेता और पदाधिकारी मेरे खिलाफ रैली व बयानबाजी कर रहे थे, अगर उनमें जरा भी नैतिकता बची है तो उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए.”
उल्लेखनीय है कि यह पूरा विवाद लालबर्रा के सोनेवानी वन क्षेत्र में बाघ की मौत और उसे जलाने के मामले के बाद शुरू हुआ था. इस घटना ने न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि विधानसभा में भी जोरदार बहस को जन्म दिया था.
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