MP News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के एम्स भोपाल (AIIMS Bhopal) में आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic Treatment) के पंचकर्म उपचार की शुरुआत कर दी गई है. इसके बाद लोगों को यहां इलाज कराने में सोचना नहीं होगा. एम्स के कार्यपालक निदेशक प्रो. डॉ. अजय सिंह (Professor Dr. Ajay Singh) ने पंचकर्म सेवाओं के संदर्भ में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, 'हम अपने मरीजों को स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण से सेवाएं प्रदान करना चाहते हैं. आयुर्वेद के प्राचीन विज्ञान में निहित पंचकर्म उपचार शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त कर उसे ऊर्जावान और स्फूर्ति से भरपूर बना देता हैं.' एम्स भोपाल में इन सेवाओं का लाभ सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक लिया जा सकेगा. इसमें स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार की आयुर्वेदिक सेवाएं उपलब्ध है.
ऐसे किया जाता है उपचार
एम्स भोपाल में पंचकर्म का उपचार अत्याधुनिक सुविधा में किया जाता है, जहां हर उपचार उच्च प्रशिक्षित और योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सकों की देख-रेख में होता है. एम्स का पंचकर्म उपचार शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त करने, संतुलन बहाल करने और शरीर और मन को पुनर्जीवित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. इस प्रक्रिया में औषधीय तेलों और विशिष्ट चिकित्सा पद्धतियों का उपयोग किया जाता है, जो प्रत्येक रोगी की आवश्यकताओं के अनुसार होती हैं, जिससे एक प्रभावी और व्यक्तिगत उपचार हो सके.
निर्देशित पंचकर्म प्रक्रिया
- स्नेहन (Oleation): इस प्रारंभिक चरण में, शरीर पर हर्बल और खनिज आधारित तेलों का प्रयोग किया जाता है. ये तेल गहरे ऊतकों में प्रवेश करते हैं, प्रत्येक कोशिका में औषधीय गुण पहुँचाते हैं और शरीर में फंसे हुए विषाक्त पदार्थों को निकालते हैं.
- स्वेदन (Fomentation): स्नेहन के बाद, स्वेदन चिकित्सा दी जाती है जिससे पसीना उत्पन्न होता है. ये चिकित्सा ऊतकों को नरम करती है, उन्हें अधिक लचीला बनाती है, और शरीर से विषाक्त पदार्थ तरल रूप में शरीर से बाहर निकल जाते है.
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ये होते हैं पंचकर्म के फायदे
- पंचकर्म से कई लाभ होते है जैसे संपूर्ण शरीर का विषहरण, विषाक्त पदार्थों का उन्मूलन, चयापचय की दर में वृद्धि, वजन कम करना, पाचन को मजबूत करना, मन और शरीर को आराम, ऊतकों का पुनरुत्थान, प्रतिरक्षा में वृद्धि, तनाव में कमी आदि.
- एम्स भोपाल में हर महीने लगभग ढाई सौ लोग इसका फायदा भी उठा रहे है. पंचकर्म प्रक्रिया मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक स्तरों पर व्यक्ति को प्रभावित करती है.
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