Bhojshala and Kamal Maula Masjid का जारी रहेगा ASI का सर्वे, सुप्रीम कोर्ट का रोक से इनकार

Bhojshala and Kamal Maula Masjid of Dhar: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को विवादित स्थल "भोजशाला और कमल मौला मस्जिद" में सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम निर्देश में कहा है कि सर्वेक्षण के नतीजे के आधार पर उसकी अनुमति के बिना कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Bhojshala and Kamal Maula Masjid Dispute: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के धार के विवादित स्थल भोजशाला और कमल मौला मस्जिद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सर्वे पर रोक लगाने से सोमवार को इनकार कर दिया. इस मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भोजशाला-कमल मौला मस्जिद परिसर को लेकर चल रहे एएसआई सर्वेक्षण की अनुमति दी है. उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में नोटिस जारी किया और वादी और याचिकाकर्ताओं को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. हालांकि, कोर्ट ने साफ कर दिया कि एएसआई सर्वेक्षण पर उनका कोई रोक नहीं है.

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को विवादित स्थल "भोजशाला और कमल मौला मस्जिद" में सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम निर्देश में कहा है कि सर्वेक्षण के नतीजे के आधार पर उसकी अनुमति के बिना कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि विवादित स्थलों पर कोई भौतिक खुदाई नहीं की जानी चाहिए, जिससे इसका स्वरूप बदल जाए.

Advertisement

ये भी पढ़- Terminalia Tomentosa Tree: एक ऐसा पेड़ जिससे गर्मियों में फूटती है जल धारा, नजारा देख हैरत में पड़ जाएंगे आप

Advertisement

मुस्लिम पक्ष सर्वे के खिलाफ गया ता कोर्ट

मुस्लिम समाज की ओर से पक्षकार और मौलाना कमाल वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में सर्वे को रोकने के लिए याचिका लगाई थी. मुस्लिम पक्ष ने वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इस याचिका में तर्क दिया गया था कि हिन्दू पक्ष ने इस आधार पर अंतरिम आवेदन पर आर्डर पास करवा लिया कि हमारे पूजा के अधिकार का हनन हो रहा है. इसलिए इस मॉन्युमेंट का टाइटल डिसाइड किया जाए. लिहाजा, उसी को ध्यान में रखकर हाईकोर्ट ने आदेश दिया था. याचिका में कहा गया है कि उसी स्थान पर हम भी नमाज पढ़ते हैं. हमारी नमाज भी जाया जा रही है. याचिका में मदील दी गई कि हम भी हिंदुस्तान में रहते हैं और हम भी इसी देश के नागरिक हैं. अगर आप एक याचिका पर यह निर्धारित कर देंगे, तो  सिविल सूट और मालिकाना हक का क्या होगा.

Advertisement

ये भी पढ़- Electoral Bonds पर पहली बार बोले PM Modi, कहा-जल्द ही पछताएंगे आलोचक, बताई ये बड़ी वजह