भोजशाला परिसर पर दोपहर तक ASI ने किया सर्वे, मुस्लिम पक्ष की मौजूदगी को लेकर धार शहर काजी ने लगाया ये आरोप

Dhar Bhojshala ASI Survey: मध्य प्रदेश के धार स्थित भोजशाला में शुक्रवार को एएसआई की टीम ने सर्वे किया. एएसआई का यह सर्वे दोपहर तक चला. जिसके बाद टीम चली गई. वहीं सर्वे के दौरान मुस्लिम पक्ष की मौजदगी को लेकर धार शहर काजी ने आरोप भी लगाए.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
फाइल फोटो

Dhar Bhojshala ASI Survey: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के एक दल ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के आदिवासी बहुल धार जिले (Dhar) में स्थित विवादास्पद भोजशाला/कमाल मौला मस्जिद परिसर (Dhar Bhojshala) का सर्वेक्षण शुरू किया. एएसआई के दल में 10 से अधिक सदस्य शामिल हैं. एएसआई का यह दल सुबह परिसर में पहुंचा, इस दल के साथ स्थानीय पुलिस (Dhar Police) और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी थे. मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक आशीष गोयल एएसआई के दल के साथ मौजूद थे. गोयल ने मीडिया को बताया कि एएसआई दल ने दोपहर तक काम (ASI Survey) किया और फिर परिसर से चला गया. बता दें कि हिंदू और मुस्लिम दोनों ही इस स्थल को उपासना स्थल मानते हैं.

यह पूछे जाने पर कि क्या मुसलमानों को स्थल पर उपासना करने की अनुमति दी जाएगी, धार के पुलिस अधीक्षक (एसपी) मनोज कुमार सिंह ने कहा कि मंगलवार को पूजा और शुक्रवार को नमाज प्रथा के अनुसार आयोजित की जाएगी. एसपी ने कहा कि वह इस मामले पर एएसआई अधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे और आस्था से जुड़ी गतिविधियों के लिए पर्याप्त व्यवस्था करेंगे.

Advertisement

सर्वे के दौरान याचिकाकर्ता भी रहे मौजूद

वहीं इस मामले के याचिकाकर्ता गोयल ने कहा कि भोजशाला परिसर का सर्वेक्षण करने के लिए 15 सदस्यीय दल सुबह-सुबह स्थल पर पहुंचा. उन्होंने कहा कि उनके जैसे याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले एक प्रमुख संगठन हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के सदस्य भी सर्वेक्षण के दौरान मौजूद थे. गोयल ने कहा, ‘‘आज उन्होंने सर्वे कराने के लिए जमीनी स्तर पर तैयारी की. उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार, दल द्वारा जीपीएस और कार्बन-डेटिंग उपकरण जैसी नयी तकनीकों का उपयोग किया गया.''

Advertisement

हालांकि, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इस मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोग मौजूद नहीं थे. मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने प्रथा के अनुसार, भारी पुलिस मौजूदगी के बीच स्थल पर शुक्रवार की नमाज अदा की.

Advertisement

मौके पर भारी पुलिस बल रहा तैनात

इससे पहले एसपी सिंह ने कहा कि भोजशाला में सर्वेक्षण शुरू हो गया है. उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘हमने एएसआई दल को इसके संचालन के लिए साजो-सामान संबंधी समस्त आवश्यक सहायता प्रदान की है. इस कार्य के दौरान सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए गए हैं और शहर में शांति है.'' प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घटनास्थल पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. इस बीच, इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ मुस्लिम समुदाय द्वारा दायर एक विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) एक अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गई है.

Dhar Bhojshala Survey: ज्ञानवापी के बाद मध्य प्रदेश की धार भोजशाला का होगा ASI सर्वे, इंदौर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

‘हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस' का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील शिरीष दुबे ने मीडिया से कहा कि जैसा कि उनके वकीलों ने उल्लेख किया है, उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार सर्वेक्षण जारी रहेगा. मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने 11 मार्च को एएसआई को धार जिले के विवादास्पद भोजशाला परिसर का छह सप्ताह के भीतर वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था.

एएसआई के संरक्षित ऐतिहासिक भोजशाला परिसर को हिन्दू वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर मानते हैं, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला की मस्जिद बताते हैं. एएसआई के सात अप्रैल 2003 को जारी एक आदेश के तहत हिंदुओं को प्रत्येक मंगलवार भोजशाला में पूजा करने की अनुमति है जबकि मुसलमानों को हर शुक्रवार को इस जगह नमाज अदा करने की इजाजत दी गई है.

धार के शहर काजी ने लगाया यह आरोप

बाद में पत्रकारों से बात करते हुए धार के शहर काजी वकार सादिक ने कहा कि सर्वेक्षण के दौरान मुस्लिम समुदाय का कोई भी अधिकृत सदस्य मौजूद नहीं था, हालांकि कमाल मौला मस्जिद के प्रतिनिधि अब्दुल समद को वहां मौजूद रहना था. सादिक ने दावा किया, लेकिन ऐसा लगता है कि एएसआई ने उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया है और इसके लिए केंद्रीय एजेंसी जिम्मेदार है. सादिक ने कहा कि 1902 और 1903 की एएसआई रिपोर्ट उसके रिकॉर्ड में हैं और स्थल पर पहली रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि ‘‘यह एक मस्जिद है.''

उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 1998 में बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठनों की ओर से विमल कुमार गोधा द्वारा उच्च न्यायालय में फिर से एक याचिका दायर की गई. तब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे. उस समय जवाब दाखिल किया गया था कि यह कमाल मौला मस्जिद है और भोजशाला का अस्तित्व एक रहस्य है.'' उन्होंने कहा कि यह जवाब उच्च न्यायालय के रिकॉर्ड में है और एएसआई इस मुद्दे पर अपने रुख से पीछे नहीं हट सकता.

सुप्रीम कोर्ट एक अप्रैल को करेगा सुनवाई

उच्चतम न्यायालय द्वारा उल्लेख किए जाने के बाद भी मामला सुनवाई के लिए नहीं लिये जाने पर उन्होंने कहा कि तारीखें आगे-पीछे होती रहती हैं और समुदाय को सुनवाई का मौका मिलेगा. सादिक ने कहा कि उनके पास यह दिखाने के लिए दस्तावेज हैं कि उस स्थान पर दिन में पांच बार नमाज पढ़ी जा सकती है, लेकिन उन्होंने शांति और सद्भाव के हित में खुद को रोक लिया है. इस बात पर जोर देते हुए कि हिंदुओं के साथ कोई विवाद नहीं है, उन्होंने कहा, ‘‘केवल 13-14 लोग, जो समुदाय के स्वयंभू नेता हैं, समस्याएं पैदा कर रहे हैं. अब हम सोचते हैं कि हमें उस जगह पर दिन में पांच बार नमाज शुरू करने पर जोर देना होगा. हम इस पर उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय जाएंगे.''

उन्होंने कहा कि 1902 के सर्वेक्षण के दौरान जो कुछ मौजूद था वह आज भी मौजूद होगा. उन्होंने कहा, ‘अगर कुछ भी नया मिलेगा तो एएसआई पूरी पारदर्शिता के साथ उसका खुलासा करेगी.'' उन्होंने कहा कि देश में प्रगति और शांति के लिए परंपरा के मुताबिक इस स्थल पर नमाज अदा की जाएगी. सादिक ने कहा कि कमाल मौला मस्जिद के प्रतिनिधियों सहित उनके समुदाय के नेता इस मामले पर फैसला लेने के लिए जल्द ही बैठक करेंगे.

यह भी पढ़ें - MP में लोकायुक्त की नियुक्ति पर रोक लगाने से कोर्ट का इंकार, लेकिन दे दिया यह नोटिस

यह भी पढ़ें - Bhojshala ASI survey: भोजशाला ASI सर्वे रोकने की याचिका SC ने की खारिज, सुबह 6 बजे से चल रहा है सर्वे

Topics mentioned in this article