यहां एमपी-यूपी को जोड़ने वाला ये मार्ग बंद ! चार दिनों में लबालब हो गया लक्ष्मीबाई बांध, खोले गए 14 गेट

Ashoknagar News: मध्य प्रदेश के अशोकनगर में तेज बारिश का असर साफ तौर पर देखा जा सकता है, राजघाट में स्थित महारानी लक्ष्मीबाई बांध महज चार दिनों में ही लबालब हो गया. रविवार को 18 में से 14 गेट खोलने पड़े. वहीं, एमपी-यूपी को जोड़ने वाले इस मार्ग को भी बंद कर दिया गया!

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यहां एमपी-यूपी को जोड़ने वाला ये मार्ग बंद ! चार दिनों में लबालब हो गया लक्ष्मीबाई बांध, खोले गए 14 गेट.

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के चलते अब बांध पूरी तरह पानी से छलक उठे हैं. वहीं, अशोकनगर जिले के राजघाट में स्थित महारानी लक्ष्मीबाई बांध भी पूरी तरह से भर चुका है. जिसके चलते इसके 18 में से 14 गेट खोले गए हैं, जिनसे प्रति सेकंड 3 लाख 15 हजार 928 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके चलते मध्य प्रदेश और उत्तरप्रदेश को जोड़ने वाले पुल पर 20 फ़ीट पानी भर गया.

सड़क मार्ग शनिवार की रात 10 बजे से पूरी तरह से बंद है. सुरक्षा को देखते हुए दोनों ओर वेरिकेटिंग करके सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए. साथ ही नदी के आसपास के गांवों को पूरी तरह से अलर्ट पर रखा गया है.

ये मार्ग पूरी तरह से बंद रहने की आशंका

इस तरह लगातार बांध में बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए उम्मीद है कि 24 घंटे तक मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश को जोड़ने वाला पुल के ऊपर से पानी का तेज बहाव रहेगा, जिसके चलते सड़क मार्ग पूरी तरह से बंद रहने की आशंका है.

देखा जाए तो भोपाल, विदिशा सहित अन्य शहरों में हो रही लगातार बारिस के चलते वेतवा नदी उफान पर है और ऐसे में राजघाट बांध में प्रति सेकंड 3 लाख 15 हजार क्यूसेक पानी पहुंच रहा. सुरक्षा की दृष्टि से बांध प्रबन्धन के द्वारा 12 गेटों के माध्यम से 3 लाख 15 हजार 928 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिसमें से 3 लाख 920 हजार डेम से तो 08 हजार क्यूसेक टरबाइन से पानी निकाला जा रहा है. 

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चार दिनों में यह बांध लबालब हो गया

इस तरह लगातार 14 गेटों के माध्यम से प्रति सेकंड निकाले जा रहे पानी के बारे में जानकारी देते हुए बांध प्रबंधन ने बताया कि महारानी लक्ष्मीबाई बांध की निर्धारित क्षमता के मुताबिक 15 अगस्त तक 368 मीटर पानी होना चाहिए. जबकि वर्तमान में ही 368 मीटर पानी है, जिसके चलते लगातार पानी की निकासी की जा रही. वहीं, देखा जाए तो 31 जुलाई को इस बांध में 365 मीटर पानी था और चार दिनों में यह बांध लबालब हो गया.

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