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आखिरकार मिल गई अर्चना तिवारी, गुमशुदगी के 13वें दिन मां को फोन कर बताया लोकेशन, रवाना हुई GRP की टीम

इंदौर से कटनी के लिए ट्रेन से रवाना हुई अर्चना तिवारी नामक युवती के रहस्यमयी ढंग से लापता होने के मामले में न केवल ग्वालियर कनेक्शन सामने आया है, बल्कि अहम सुराग भी हाथ लगे हैं.

आखिरकार मिल गई अर्चना तिवारी, गुमशुदगी के 13वें दिन मां को फोन कर बताया लोकेशन, रवाना हुई GRP की टीम

Archana Tiwari found in Gwalior: गुमशुदगी के 13वें दिन आखिरकार अर्चना तिवारी मिल गई. सूत्रों की मानें तो अर्चना ने अपनी मां से मोबाइल पर बात की और वो अपनी लोकेशन बताई, जिसके बाद जीआरपी की टीम उसे लेने के लिए रवाना हो गई है. इसकी पुष्टि अर्चना के परिजनों ने एनडीटीवी से की है. 

दरअसल, इंदौर से कटनी के लिए ट्रेन से रवाना हुई अर्चना तिवारी नामक युवती के रहस्यमयी ढंग से लापता होने के मामले में न केवल ग्वालियर कनेक्शन सामने आया है, बल्कि अहम सुराग भी हाथ लगे हैं. अर्चना ग्वालियर में पदस्थ एक आरक्षक राम तोमर के सम्पर्क में थी, जिसके बाद 19 अगस्त को जीआरपी की टीम उससे पूछताछ की.

गुमशुदगी के 13वें दिन मिली अर्चना तिवारी!

इधर, अर्चना को लेकर भोपाल GRP को भी बड़ा इनपुट मिला है. महत्वपूर्ण जानकारी मिलने के बाद अर्चना की रिकवरी के लिए एक स्पेशल टीम रवाना हो गई है. पुलिस को उम्मीद है जल्द ही अर्चना को रिकवर किया जाएगा.

अर्चना को लेने के लिए रवाना हुई स्पेशल टीम

परिजनों से अर्चना तिवारी से बातचीत होने के सवाल पर SP रेल राहुल कुमार लोढ़ा ने कहा परिजनों से जानकारी जुटाई जा रही है. उन्होंने कहा कि कुछ महत्वपूर्ण क्लू हमें मिले हैं. जल्द से जल्द अर्चना को रिकवर करने की कोशिश जारी है.

भाई दिव्यांशु मिश्रा का बयान- अर्चना जीवित और सुरक्षित है

अर्चना तिवारी का भाई दिव्यांशु मिश्रा ने NDTV को बताया कि हमारी बहन जीवित है और सुरक्षित है. घटनी की पूरी जानकारी पुलिस देगी. 

ग्वालियर से जुड़ा अर्चना तिवारी का कनेक्शन

मध्य प्रदेश के कटनी जिले की रहने वाली अर्चना 7 अगस्त को रक्षाबंधन मनाने के लिए इंदौर से कटनी के लिए नर्मदा एक्सप्रेस के एसी कोच बी 3 में सवार हुई थी, लेकिन वो गायब हो गई. हालांकि 12 दिन बाद जांच में पता चला कि युवती की ग्वालियर के भंवरपुरा थाने में पदस्थ आरक्षक से लगातार बात हो रही थी. इतना ही नहीं आरक्षक ने युवती का इंदौर से ग्वालियर का एक बस टिकट भी बुक कराया था. इस मामले की जांच कर रही जीआरपी की टीम ग्वालियर पहुंचकर आरक्षक से पूछताछ की, जिसमें कई अहम सुराग हाथ लगे.

 कैसे लापता हुई थी अर्चना ?

अर्चना तिवारी 7 अगस्त को हॉस्टल से घर के लिए नर्मदा एक्सप्रेस से निकली. भोपाल पहुंचने पर अर्चना की चाची से बात हुई. वहीं ट्रेन सुबह 6:50 बजे कटनी स्टेशन पहुंची, लेकिन वो नहीं उतरी. जिसके बाद परिवारवालों ने अर्चना की खोजबीन शुरू की. इस दौरान अर्चना का बैग ट्रेन की बर्थ पर मिला. जिसके बाद परिजनों ने GRP में मामला दर्ज करवाया. 

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