Gwalior News: आपसी कलह और कशमकश के चलते बीजेपी अपने प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं कर पा रही है. पूर्व मंत्री और अटल विहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा टिकट मिलने से पहले ही यह ऐलान करते रहे हैं कि वे चुनाव लड़ेंगे. अब चर्चा है कि पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह का टिकट काटकर उन्हें टिकट दिया जा रहा है. कहा जा रहा है कि इन खबरों से दुखी कुशवाह भोपाल से लौटकर बीती देर रात ग्वालियर आ गए, हालांकि उन्होंने उनके कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाओं को गलत बताया.
मामूली अंतर से हारे थे नारायण
नारायण सिंह कुशवाहा ने ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से 2003 और 2013 में चुनाव जीता और शिवराज सरकार में मंत्री भी रहे, लेकिन 2018 में वे कांग्रेस के प्रवीण पाठक से महज 121 वोट के मामूली अंतर से चुनाव हार गए. कुशवाह की पिछड़ों में अच्छी पकड़ को देखते हुए पार्टी ने उन्हें बीजेपी पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष का पद दे दिया.
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मिश्रा और समीक्षा समेत अनेक नेता हुए दावेदार
कुशवाह के हार जाने के बाद बीजेपी के अनेक नेता ग्वालियर दक्षिण सीट से दावेदार हो गए. पिछला चुनाव भितरवार से हार चुके पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल विहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा ने तीन माह पहले ही इस सीट से अपनी दावेदारी घोषित कर दी थी. अनूप 1998 में एक बार यहां से लड़कर जीत भी चुके हैं. मिश्रा के अलावा एक नाम पूर्व मेयर समीक्षा गुप्ता का भी है. समीक्षा ने 2018 में टिकट न मिलने पर पार्टी से बगावत कर दी थी और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतर गईं थी. वे जीत तो न सकीं, लेकिन उन्होंने बीजेपी के वोटों में जमकर सेंध लगाई, जिसके चलते बीजेपी अपने इस परंपरागत गढ़ में चुनाव हार गई. हालांकि बीजेपी ने बाद में समीक्षा गुप्ता का पार्टी से निष्कासन रद्द कर दिया और उन्हें फिर पार्टी में स्थान मिल गया. वे मंचों पर स्थान पाने लगीं..अब वे भी दक्षिण सीट से प्रबल दावेदार हैं.
कुशवाह समर्थक निराश
नारायण कुशवाह को अपने टिकट पर संकट नजर आ रहा है. हालांकि उन्होंने दो माह पहले एक बयान देकर पार्टी को खुली चुनौती देते हुए अपनी भावी रणनीति के साफ़ संकेत दे दिए थे. उन्होंने कहा था कि समीक्षा गुप्ता ने बगावत करके पार्टी को हराया था, जिसके चलते प्रदेश में हमारी चौथी बार सरकार नहीं बन पाई थी. अब अगर पार्टी उनको टिकट देती है तो वे उनका प्रचार नही करेंगे. हालांकि सूत्र बता रहे हैं कि कुशवाह का टिकट खतरे में है और पार्टी यहां से अनूप, समीक्षा और विवेक नारायण शेजवलकर को टिकट देने पर विचार कर रही है. सूत्रों की मानें तो कुशवाह को यह बता भी दिया गया है, जिसके चलते वे और उनके समर्थक नाराज है. वे गुरुवार को भोपाल में ही थे. शाम को प्रदेश के टिकट के मंथन के लिए बैठक थी, लेकिन कुशवाह उससे पहले ही भोपाल से ट्रेन से रवाना हो गए. हालांकि उन्होंने ग्वालियर पहुंचकर मीडिया से कहा कि किसको टिकट मिलेगा..इस पर विचार चल रहा है और इसका फैसला पार्टी करेगी.
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कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों को बताया गलत
नारायण कुशवाह से जब उन अटकलों पर प्रतिक्रिया चाही गई, जिसमें कहा जा रहा है कि टिकट न मिलने पर बगावत करते हुए कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं..तो उन्होंने कहा कि ये बात कहां से आ गई? ये सब गलत है. भोपाल से लौटने पर उन्होंने कहा कि वे कार्यकर्ताओं को चुनाव में लगाने के लिए मोर्चा के काम से भोपाल गए थे.