प्रदेश के जिला अस्पतालों से अक्सर ही लापरवाही के मामले सामने आते रहते हैं. ऐसे में पन्ना जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से भी लापरवाही का मामला सामने आया हैं. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में काम करने वाले रसोईयों और कपड़े धोने वालो को अक्टूबर 2022 से वेतन नहीं मिला जिससे इन कर्मियों के पास पैसा खत्म हो गया है और उनके खाने तक के लाले पड़े हुए हैं. ऐसे में सभी कर्मी परेशान होकर आज कलेक्ट्रेट पहुंचे और मदद की गुहार लगाई. ज़िले के गुन्नौर, अमानगंज और सलेहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों सहित अन्य स्वास्थ्य केंद्रों की महिलाओं ने कलेक्टर और CMHO को ज्ञापन सौंप मदद मांगी है.
3 अक्टूबर 2022 से नही मिला वेतन खाने के पड़े लाले
महिलाओं ने बताया कि वह स्वास्थ केंद्रों में सुबह से शाम तक खाना बना कर गरीब मरीजों को खाना खिलाती हैं. जिसके एवज में उन्हें ठेकेदार से उन्हें कुछ पैसे मिल जाते हैं. लेकिन अक्टूबर 2022 से अब तक उन्हें ठेकेदार की तरफ से पैसे मिलना बंद हो गया. ऐसे में उनकी आर्थिक स्थित खराब हो गई है और उनके खाने पीने तक के लाले पड़े हुए है. कई बार शिकायत करने के बाद भी उनकी समस्यायों का समाधान नहीं हुआ जिससे उन्होंने कलेक्टर और CMHO से मदद की गुहार लगाई.आपको बता दें कि जिला स्वस्थ हॉस्पिटल लगातार लापरवाही के चलते मीडिया में बना रहता है.
कभी डॉक्टर, कभी पेशेंट और कभी एंबुलेंस का मामला... हर रोज यहां पर कोई न कोई लापरवाही होती रहती है. कई बार शिकायती आवेदन देने के बाद भी व्यस्था में अनियमितता का माहौल है. प्रशासन की तरफ से भी ढुलमुल रवैया नज़र आ रहा है. महिलाओं का कहना है हमें पैसे समय पर नही मिलेंगे तो हम काम नही करेंगे. साथ ही हमारे पहले के पैसे दिए जाए.
❝हम सर जी, सालेहा से आए हैं. हम स्वास्थय विभाग में खाना बनाते है. हमें 18 महीने से वेतन नहीं मिला हैं. ठेकेदार से बोलते है तो कहते है डाल देंगे अभी बचत नहीं है. अब साहब हम अपने हक के लिए लड़ेंगे. यहांसे सीधे CMHO के पास जाएंगे पैसा नहीं मिलेगा तो जहां-जहा जाना पड़ेगा वहां पर शिकायत करेंगे... पैसा नहीं छोड़ेंगे अपना❞ -हक्की बाई पटेल (रसोइया)
ये भी पढ़ें क्या हुआ जब सायना नेहवाल के रास्ते में आ गया बाघ... बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व पहुंचीं स्टार बैडमिंटन प्लेयर
❝हम सर जी, गुन्नौर हॉस्पिटल में खाना बनाते हैं. ठेकेदार हमारा पैसा नहीं दे रहा है. 18 महीने में सिर्फ 1 बार का वेतन दिया. हम CMHO के पास गए तो बोला कि काम क्यों कर रहे हो.... छोड़ दो काम... हमें काम से निकलने की धमकी मिलती है. हमारा पैसा नहीं दे रहा साहब, ठेकेदार का नाम पंकज है.❞ - रक्की बाई (रसोइया)
ये भी पढ़ें: कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान दिग्विजय सिंह ने खोया आपा, महिला नेता को सिक्योरिटी वालों से निकलवाया बाहर