अहिल्याबाई की 300वीं जयंती: इंदौर में उत्सव का माहौल, होलकर वंश की महान शासक के लिए सालभर होंगे आयोजन

Ahilyabai Holkar 300th Birth Anniversary: विजयवर्गीय ने अहिल्याबाई को याद करते हुए कहा, एक शासक जिसने शत्रुओं को दिखा दिया कि वो प्रेम और समर्पण की मूर्ति है. जब हाथ में तलवार लेकर रणभूमि में उतरी तो शत्रुओं को भी पीछे भागने पर विवश होना पड़ा. ऐसी पावन अहिल्याबाई को नमन.

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Rajmata Ahilyabai Holkar 300th Birth Anniversary: होलकर वंश (Holkar Dynasty) की महान शासक देवी अहिल्याबाई (Devi Ahilyabai) की शुक्रवार को 300वीं जयंती (Ahilyabai's 300th Birth Anniversary) मनाई जा रही है. इंदौर (Indore) में उत्सव का माहौल है और विविध रंगारंग कार्यक्रमों का सिलसिला जारी है. इंदौर में देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती की पूर्व संध्या पर गुरुवार रात से ही कार्यक्रमों का सिलसिला शुरू हो गया. शुक्रवार की सुबह हेरिटेज वॉक (Heritage Walk) का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. इस आयोजन से लोगों को इंदौर और अहिल्याबाई के योगदान को जानने में बड़ी मदद मिली. इतना ही नहीं, अनेक जगहों पर कई कार्यक्रम हुए और यह सिलसिला निरंतर जारी है. इंदौर के विविध व्यंजन सहित पोहा का भी लोगों ने चाव के साथ स्वाद चखा.

पूर्व लोकसभा स्पीकर ने दी श्रद्धांजलि

अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दी जयंती के अवसर पर राजवाड़ा के गणेश हॉल प्रांगण में कलांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर विख्यात कलाकारों ने अहिल्याबाई के जीवन का चित्रण कर कलांजलि प्रस्तुत की. इस मौके पर लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन राज्य सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, महापौर पुष्यमित्र भार्गव सहित अनेक लोग मौजूद रहे.

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विजयवर्गीय ने अहिल्याबाई को याद करते हुए कहा, एक शासक जिसने शत्रुओं को दिखा दिया कि वो प्रेम और समर्पण की मूर्ति है. जब हाथ में तलवार लेकर रणभूमि में उतरी तो शत्रुओं को भी पीछे भागने पर विवश होना पड़ा. ऐसी पावन अहिल्याबाई को नमन.

ऐसी थीं राजमाता देवी अहिल्याबाई

अहिल्याबाई ऐसी महारानी हुई है जिन्होंने कठिन परिस्थितियों के बावजूद तीन दशक तक कुशलता से साम्राज्य चलाया और लोक कल्याणकारी राज्य व्यवस्था को साकार रूप दिया. मुगल शासकों द्वारा उजाड़े गए तीर्थ स्थलों को उन्होंने फिर आबाद किया. उन्होंने देश के 100 से अधिक स्थानों पर तीर्थ स्थलों पर धर्मशाला, जल संरचना आदि का निर्माण कराया. इतना ही नहीं, काशी विश्वनाथ और सोमनाथ मंदिर का पुनरुद्धार भी कराया. 300वीं जयंती के मौके पर लोकमाता अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी समारोह समिति का गठन किया गया है.

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