MP News in Hindi: मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में दिन-रात की कड़ी मेहनत पर प्रशासन का ट्रैक्टर चला तो किसान यह देख नहीं पाया. खून-पसीना बहाकर 30 बीघा में खड़ी की फसल पर ट्रैक्टर चलता देखा तो वह बेहोश हो गया. पास में बैठी पत्नी किसान का हाथ पकड़ रोती रही और प्रशासन से फसल पर ट्रैक्टर न चलाने की गिड़गिड़ाकर मिन्नतें करती रही, लेकिन प्रशासन ने एक न सुनी.
30 बीघा फसल पर ट्रैक्टर चलने का वीडियो भी वायरल हो गया. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने वीडियो को सोशल साइट एक्स पर डाला और सरकार को कटघड़े में खड़ा कर दिया. इस मामले में प्रशासन ने कहा कि सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए फसल नष्ट की गई.
केतन डैम में जमीन पर चलाया ट्रैक्टर
दरअसल, विदिशा जिले की सिरोंज तहसील के केतन डैम क्षेत्र में 30 बीघा जमीन पर खड़ी फसल को प्रशासन ने ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दिया. प्रशासन का कहना है कि यह अतिक्रमण की जमीन थी और दो साल पहले ही पट्टे निरस्त कर दिए गए थे, लेकिन किसान का दावा है कि उसने अक्टूबर में इस जमीन का अर्थदंड जमा किया था. इसकी रसीद भी उसके पास है. बावजूद इसके प्रशासन ने फसल पर ट्रैक्टर चला दिया.
जब तक होश आया तब तक...
वीरपुर गांव के पीड़ित किसान मूलचंद ने बताया, "जब मैंने अपनी मेहनत की फसल पर ट्रैक्टर चलते देखा तो मैं सहन नहीं कर पाया, मुझे अटैक आ गया और मैं बेहोश हो गया. जब तक होश आया तब तक मेरी फसल नष्ट हो चुकी थी."
किसान की 30 बीघा फसल पर ट्रैक्टर चलने के बाद स्थानीय किसानों में भारी आक्रोश है. इस मामले ने राजनीतिक तूल भी पकड़ लिया है. किसान कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री सुरेंद्र रघुवंशी ने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार से पीड़ित किसान की फोन पर बात कराई और इस मुद्दे को प्रदेश स्तर पर उठाने का भरोसा दिलाया है"
नेता प्रतिपक्ष ने साधा मोहन सरकार पर निशाना
उमंग सिंगार एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, रोती रही पत्नी, बेहोश हुआ किसान, लेकिन सरकार का दिल नहीं पसीजा! सिरोंज में मूलचंद नाम के किसान की फसल पर जब प्रशासन ने ट्रैक्टर चला दिया तो सदमे में आकर वह बेहोश हो गया. पत्नी गुहार लगाती रही- “बस 8-10 दिन दे दो, फसल काट लेंगे,” लेकिन निर्दयी प्रशासन ने नहीं सुनी.
अपने हर भाषण में खुद को किसान हितैषी बताने वाले सीएम मोहन यादव क्या यही है आपका किसानों के साथ इंसाफ? क्या भाजपा सरकार गरीब किसानों को ऐसे ही रौंदती रहेगी?
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किसान नेता बोले- यह प्रशासन की बर्बरता
किसान नेता सुरेंद्र रघुवंशी ने बताया कि यह प्रशासन का बेहद बर्बर रवैया है. एक गरीब किसान की 30 बीघा खड़ी फसल को बर्बाद कर दिया गया. किसान बेहोश हो गया, उसकी पत्नी प्रशासन के सामने गिड़गिड़ाती रही, लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी. क्या यही है किसानों के हित की राजनीति?"
क्या बोले तहसीलदार
सिरोंज के तहसीलदार विकास अग्रवाल का कहना है, यह सरकारी ज़मीन थी और इसे अतिक्रमण मुक्त कराना ज़रूरी था। हमने नियमानुसार कार्रवाई की है.