मध्यप्रदेश के दमोह में बहू पर आरोप, कड़ाके की ठंड में बुजुर्ग दंपत्ति को घर से किया बेदखल

दमोह से रिश्ते को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है.आरोप है कि यहां हाड़ कंपा देने वाली ठंड में दबंग बहू ने अपने बुजुर्ग सास-ससुर को घर से बेदखल कर दिया है. परेशान दंपत्ति तीन दिनों से बेघर होकर सुरक्षा और न्याय की गुहार लगा रहे हैं. दंपत्ति फिलहाल पुलिस अधीक्षक कार्यालय में ही अलाव जलाकर किसी तरह वक्त गुजार रहा है. अहम ये भी है कि उनका बेटा भी तीन दिनों से घर नहीं आया है.

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मध्यप्रदेश के दमोह में बहू पर आरोप, कड़ाके की ठंड में बुजुर्ग दंपत्ति को घर से किया बेदखल

MP Crime News: दमोह (Damoh News) से रिश्ते को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है.आरोप है कि यहां हाड़ कंपा देने वाली ठंड में दबंग बहू ने अपने बुजुर्ग सास-ससुर को घर से बेदखल कर दिया है. परेशान दंपत्ति तीन दिनों से बेघर होकर सुरक्षा और न्याय की गुहार लगा रहे हैं. दंपत्ति फिलहाल पुलिस अधीक्षक कार्यालय में ही अलाव जलाकर किसी तरह वक्त गुजार रहा है. अहम ये भी है कि उनका बेटा भी तीन दिनों से घर नहीं आया है. 70 साल के बुजुर्ग ससुर का कहना है कि बहू रानू राजपूत बेहद ही तेजतर्रार है और बेटा भी उसके सामने कुछ बोल नहीं पाता. बता दें कि दमोह में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. यहां अधिकतम तापमान 20 डिग्री और न्यूनतम तापमान 15 डिग्री के आसपास बना हुआ है. 

दमोह के पुलिस अधीक्षक कार्यालय में इंसाफ की आस में पहुंचे बुजुर्ग दंपत्ति. तीन दिनों से अपने घर से बेघर हैं.

बुजुर्ग दंपत्ति का नाम आशा राजपूत और गोदन सिंह राजपूत (Asha Rajput and Godan Singh Rajput) है. खुद दोनों ने मीडिया को अपनी आपबीती बताई. जिसके मुताबिक तीन दिनों पहले उसकी बहू उनके मकान में आई और जबरन उन्हें घर से बाहर निकाल दिया.

ये हालत तब है जब कि गोदन सिंह राजपूत ने बेटे और बहू को अपनी सात एकड़ जमीन और एक मकान भी दे रखा है. वे खुद अपनी पत्नी आशा के साथ अलग मकान में रहते हैं. उनका आरोप है कि इसके बावजूद उसकी बहू आए दिन उनके साथ मारपीट करती है और कहती है कि ये घर भी उसे दे दें.

गोदन सिंह का दावा है कि तेज तर्रार बहू के आगे उसका बेटा मंजीत राजपूत भी कुछ नहीं कर पा रहा है.उनके मुताबिक बेटे की शादी को 10 साल हो गए हैं. बेटा किसानी करता है. अब इस बुजुर्ग दंपत्ति की मदद करने के लिए वकील मनीष नागाइच आगे आए हैं. उनका कहना है कि कानून में प्रावधान है कि इस तरह से बुजुर्ग दंपत्ति को बाहर नहीं निकाला जा सकता है. उन्हें इंसाफ मिलना चाहिए. फिलहाल बुजुर्ग दंपत्ति की मुलाकात पुलिस कप्तान से नहीं हो पाई है.  बहू रानू राजपूत का भी पक्ष फिलहाल सामने नहीं आ पाया है. अब देखना ये है कि आखिर जिन बुजुर्ग दंपत्ति ने बहू-बेटे को अपने बुढ़ापे का सहारा मान कर मकान और सात एकड़ जमीन दी उनको इंसाफ कब मिल पाता है? 

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