52 साल के बुजुर्ग की रफ़्तार को लगे 'पंख' ! बालाघाट अस्पताल में सफल हुआ Knee Transplant

Balaghat Hospital : गौरतलब है कि ये बालाघाट जिला अस्पताल में किया गया पहला घुटना प्रत्यारोपण था, जो पूरी तरह सफल रहा. इस उपलब्धि पर डॉ. विनय समद, डॉ. शुभम लिल्हारे, डॉ. लोकेश वासनिक और उनकी टीम का भी बड़ा योगदान रहा.

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52 साल के बुजुर्ग की रफ़्तार को लगे 'पंख' ! बालाघाट अस्पताल में सफल हुआ Knee Transplant

Knee Transplant Surgery : बालाघाट जिले के किसान कीर्तीलाल (52) पिछले दो साल से घुटने के तेज दर्द से परेशान थे. बीते छह महीनों में दाहिने घुटने का दर्द इतना बढ़ गया कि चलना-फिरना भी मुश्किल हो गया था. किसान ने इलाज के लिए रायपुर स्थित एम्स का रुख किया, जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि उनका घुटना गंभीर रूप से खराब हो चुका है. ऐसे में सिर्फ घुटना प्रत्यारोपण यानी कि Knee Transplant ही एकमात्र समाधान था. एम्स में ऑपरेशन की तारीख मिली लेकिन बार-बार तारीख बदलने और रायपुर आने-जाने की दिक्कतों ने किसान को थका दिया. परेशान होकर उन्होंने बालाघाट जिला अस्पताल का रुख किया.

जिला अस्पताल में हुआ सफल ऑपरेशन

जिसके बाद 27 जनवरी को कीर्तीलाल जिला अस्पताल पहुंचे. डॉक्टरों ने एम्स की रिपोर्ट देखकर उन्हें भर्ती कर लिया. सभी जरूरी जांच के बाद अगले ही दिन ऑपरेशन की तैयारी की गई. अस्पताल के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. श्रेय जैन और उनकी टीम ने सफलतापूर्वक Knee Transplant किया.

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अब बिना सहारे चल पा रहे कीर्तीलाल

डॉ. जैन ने बताया कि जब कीर्तीलाल अस्पताल आए थे... तब तो वो दो लोगों के सहारे बड़ी मुश्किल से चल पा रहे थे. लेकिन ऑपरेशन के एक दिन बाद ही वे वॉकर के सहारे खुद से चलने लगे. गौरतलब है कि ये बालाघाट जिला अस्पताल में किया गया पहला घुटना प्रत्यारोपण था, जो पूरी तरह सफल रहा. इस उपलब्धि पर डॉ. विनय समद, डॉ. शुभम लिल्हारे, डॉ. लोकेश वासनिक और उनकी टीम का भी बड़ा योगदान रहा.

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