MP की इस तहसील में 49 स्कूल जर्जर अवस्था में, अब हर वक्त अभिभावकों को सता रहा डर! मांग क्यों अधूरी?

Vidisha News: मध्य प्रदेश के विदिशा से सरकारी स्कूलों को लेकर बड़ी खबर है. बता दें कि जिले की अधिकांश सरकारी स्कूल बदहाली का शिकार हैं. वहीं, सिरोंज तहसील की बात करें तो यहां 49 स्कूल जर्जर स्थिति में हैं. कई बार सरकार से मांग की गई पर मांग आज तक पूरी नहीं हुई है.

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MP की इस तहसील में 49 स्कूल जर्जर अवस्था में, अब हर वक्त अभिभावकों को सता रहा डर! मांग क्यों अधूरी?

MP Government School News: मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में सरकारी स्कूल खस्ताहाल में संचालित हो रहे हैं. वहीं, अकेले सिरोंज तहसील में 49 स्कूल जर्जर अवस्था में हैं. इन भवनों में पढ़ना और पढ़ाना छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण है.

तहसील सिरोंज में 49 स्कूल भवन जर्जर हालात में हैं.

शिक्षा विभाग के मुताबिक विदिशा जिले की तहसील सिरोंज में 49 स्कूल भवन जर्जर हालात में हैं. वहीं, कुछ स्कूल अधिक जर्जर होने के कारण खुले आसमान के चल रहे हैं. जनपद शिक्षा विभाग जर्जर भवनों को लेकर शिक्षा विभाग से नए भवनों के लिए कई बार मांग कर चुका है, लेकिन आज तक मांग पूरी नहीं हुई है.

प्रस्ताव के बाद भी इंतजार जारी

मिली जानकारी के अनुसार कुछ स्कूल ऐसे भी हैं, जिनकी दीवारें गिर चुकी हैं. छत भी लटक रही है. फिर भी छात्र अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ रहे हैं. हाल ही में माध्यमिक डुगरवानी ग्राम के स्कूल की एक छत गिरने से बड़ा हादसा टला गया. यह स्कूल भवन भी पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. इसके बाद भी इस स्कूल में करीब 50 बच्चे पढ़ाई करते हैं. शिक्षक बताते हैं, स्कूल भवन के लिए शिक्षा विभाग को प्रस्ताव बनाकर दे दिया गया. लेकिन आज तक निर्माण कार्य नहीं कराया गया.

पालक कहते हैं बच्चों को स्कूल भेजने में लगता है डर

कोठीचार ग्राम के पालक बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं, लेकिन एक डर की वजह से अब उन्होंने स्कूल भेजना बंद कर दिया है. अभिभावक कहते हैं कि स्कूल भवन पूरी तरह से जर्जर हो गया है. बारिश का समय है, जिसके चलते स्कूलों की दीवार गिर रही है. हमें बच्चों को स्कूल भेजने में डर लगता है, कहीं कोई बड़ा हादसा न हो जाए.

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 ये स्कूल लग रहे खुले आसमान के नीचे

सिरोंज तहसील के मुरादपुर , चौड़ा खेड़ी , भूरा टोरी , विशनपुर , हरिजन बस्ती , अयोध्या बस्ती में चलते फिरते स्कूल संचालित होते हैं कभी किसी के आंगन में तो कभी किसी पेड़ के नीचे स्कूल संचालित किए जाते हैं.

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"जर्जर भवन के बारे में पूरी डिटेल दी गई है"

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बीआरसी रमेश किरार बताते हैं कि सरकार को जर्जर भवन के बारे में पूरी डिटेल दी गई है. नए भवनों के निर्माण के लिए एक प्रस्ताव भी बनाकर दिया गया है. अब सरकार के बजट का इंतजार है. सरकार के बजट आते ही स्कूल भवन के निर्माण कार्य हो पाएगा. 

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